3 जून के बाद दिखेगा या नहीं

ग्रहों की परेड: भारत में लोकसभा चुनाव के नतीजे 4 जून को आने वाले हैं. लेकिन उससे एक दिन पहले आसमान में कुछ ऐसा नजर आएगा, जिसके लिए पूरी दुनिया इंतजार कर रही है. तीन जून को आकाश में ग्रहों की परेड का हर किसी को बेसब्री से इंतजार है. यह एक बेहद दुर्लभ घटना है. कहा जा रहा है कि केवल तीन जून को ही ग्रह नंगी आंखों से देखे जा सकेंगे, लेकिन इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ एस्ट्रोफिजिक्स (आईआईए), बेंगलुरु ने सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही कई बातों को खारिज करते हुए सच बताया है.

ग्रह परेड को प्लैनेट अलाइनमेंट भी कहा जाता है. इस स्थिति में सौरमंडल के ग्रह एक सीध में आ जाते हैं. आईआईए के स्कोप सेक्शन के चीफ निरुज मोहन रामानुजम ने कहा, ‘पहली बात तो यह कि यह घटना सिर्फ तीन जून को ही नहीं होगी. इन ग्रहों को आने वाले हफ्ते में कई दिनों तक एक सीध में देखा जा सकता है.’

उन्होंने कहा, तीन जून से पहले के दिनों में बृहस्पति सूर्य के करीब है और तीन जून के बाद बुध सूर्य के करीब होगा, इसलिए तीन जून सबसे सही तारीख है. रामानुजम ने कहा, ‘आप आने वाले हफ्ते में हर दिन सूर्योदय से पहले बाहर जा सकते हैं और जितना संभव हो उतने ग्रहों को देखने की कोशिश कर सकते हैं.’

आने वाले हफ्ते में लोग सुबह के समय आकाश में पूर्व की ओर कुछ-कुछ पीले शनि को साफ तौर से देख सकते हैं, और इसके नीचे लाल रंग के मंगल ग्रह को देखा जा सकता है. रामानुजम ने कहा कि बाकी ग्रह जो परेड के दौरान दिखाई देने चाहिए, उन्हें पहचानना आसान नहीं होगा.

उन्होंने कहा, ‘सूर्योदय से लगभग 20 मिनट पहले, बृहस्पति और बुध ईस्टर्न हॉरिजोन से 10 डिग्री से कम ऊपर होंगे. यूरेनस और नेपच्यून हमेशा की तरह नग्न आंखों से बहुत धुंधले दिखेंगे. शुक्र सूर्य के बहुत करीब दिखाई देगा.’ रामानुजम ने सोशल मीडिया पर हो रही इस चर्चा को भी खारिज किया कि ग्रह केवल तीन जून को एक सीधी रेखा में होंगे.

उन्होंने कहा, ‘सूर्य के चारों ओर ग्रहों की कक्षाएं लगभग एक ही फ्लैट एरिया में हैं और उनमें से हर कोई धरती की कक्षा से केवल कुछ डिग्री पर झुका हुआ है. इसलिए, जब धरती से देखा जाता है तो ग्रह की स्थिति हर समय लगभग एक फ्लैट एरिया में होगी.’ रामानुजम ने यह भी कहा कि इस घटना को दुर्लभ नहीं कहा जा सकता, क्योंकि ऐसे अलाइनमेंट हर कुछ वर्षों में देखे जा सकते हैं. उन्होंने कहा, ‘ऐसे मौके जहां तीन-चार से ज्यादा ग्रह सूर्य के एक तरफ होते हैं और सामान्य से ज्यादा एक-दूसरे के करीब होते हैं उन्हें ग्रह परेड कहा जाता है.’
रामानुजम ने कहा कि हालांकि घटना दुर्लभ हो या न हो, लेकिन ग्रहों को अपनी नग्न आंखों से देखना हमेशा एक सुखद अनुभव होता है. उन्होंने कहा, ‘यह असल में एक सुंदर दृश्य है. लेकिन बस याद रखें, अगर आप तीन जून को ज्यादा सोते हैं तो आप दृश्य देखने के लिए अगले दिन जल्दी उठ सकते हैं.’

 

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