महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष निर्विरोध क्यों होगा घोषित?

महाराष्ट्र चुनाव में महायुति गठबंधन की ऐतिहासिक जीत के बाद महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष कौन बनेगा इस पर सभी की नजरें है. विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद अब विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में नहीं लड़ने का फैसला किया है. तो आइए जानते हैं कौन होगा महाराष्ट्र का अगला विधानसभा अध्यक्ष.

महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव सोमवार 9 दिसंबर को होगा. उसके लिए शनिवार से नामांकन प्रक्रिया शुरू हो गई है. रविवार की दोपहर 12 बजे तक विस अध्यक्ष पद के लिए नामांकन भरे जा सकेंगे. विधानभवन सचिवालय से बताया गया कि शनिवार को स्पीकर पद के लिए कोई भी नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया गया. सभी की नजरें इस बात पर टिकीं हैं कि कोई उम्मीदवार आएगा या निर्विरोध चुनाव होगा. इसी बीच टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी ‌एक रिपोर्ट के मुताबिक, विपक्षी महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के  शिवसेना (यूबीटी) ने कहा कि वह उम्मीदवार नहीं उतारेगी और स्पीकर का निर्विरोध चुनाव हो सकता है. हालांकि, महायुति को परंपरा के अनुसार डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष को देना चाहिए.

‌विपक्ष क्यों मांग रहा डिप्टी स्‍पीकर का पद?
शिवसेना (यूबीटी) विधायक और समूह के नेता भास्कर जाधव ने कहा, “महाराष्ट्र में एक उच्च परंपरा थी कि अध्यक्ष का चुनाव निर्विरोध होता था, लेकिन उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को दिया जाता था. लेकिन 1999 में यह परंपरा टूट गई जब शिवसेना-भाजपा ने अध्यक्ष का चुनाव लड़ा और हार गए. तब कांग्रेस के सीएम विलासराव देशमुख ने उपाध्यक्ष का पद अपने पास रखने का फैसला किया क्योंकि शिवसेना-भाजपा ने अध्यक्ष को निर्विरोध चुने जाने की अनुमति नहीं दी थी. तब से विपक्ष को उपाध्यक्ष का पद नहीं मिल रहा है. लेकिन अब पुरानी परंपरा को बहाल किया जाना चाहिए.
विपक्ष किस बात की दे रहा दुहाई
अगर नया सीएम और सरकार ऐसा करती है, तो यह लोकतंत्र के लिए एक श्रद्धांजलि होगी.” सोमवार को अध्यक्ष का चुनाव होगा. उन्होंने कहा, “महायुति के पास बहुमत है, इसलिए स्वाभाविक रूप से उनका अध्यक्ष चुना जाएगा. इसलिए उन्हें कुछ उदारता दिखानी चाहिए और विपक्ष को उपाध्यक्ष का पद देना चाहिए. मैं सीएम से भी आग्रह करता हूं कि वे अध्यक्ष को विपक्ष के नेता के नामांकन की अनुमति देने के लिए कहें.

जानें डिप्टी स्पीकर पद के लिए क्या है नियम?
मैंने पहले ही विधानसभा सचिवालय से विपक्ष के नेता की घोषणा के नियमों के बारे में लिखित स्पष्टीकरण मांगा है. उन्हें हमें पद देना होगा क्योंकि विपक्ष के नेता का दावा करने के लिए 10% विधायकों की आवश्यकता होने का कोई नियम नहीं है. हम सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी हैं, इसलिए विपक्ष का नेता पद शिवसेना (यूबीटी) को मिलेगा.”

स्पीकर पद के लिए कौन है रेस में आगे?
निवर्तमान विधानसभा में एनसीपी के नरहरि जिरवाल उपाध्यक्ष और भाजपा के राहुल नार्वेकर अध्यक्ष थे. भाजपा पदाधिकारियों ने कहा कि पार्टी इस पद को अपने पास रखने के लिए तैयार है. विपक्ष को 10% सीटें नहीं मिलने के कारण, यह अध्यक्ष के विवेक पर निर्भर करेगा कि वे विपक्ष का नेता चुनें या नहीं. इसलिए अध्यक्ष की भूमिका महत्वपूर्ण होगी. नार्वेकर को महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए फिर से सबसे आगे बताया जा रहा है. अगर नार्वेकर को मंत्री पद के लिए चुना जाता है तो भाजपा विधायक सुधीर मुंगाथिवार इस पद की दौड़ में शामिल हो जाएंगे.

 

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