10 राज्यों में सीबीआई की एंट्री पर क्यों लगा बैन!
मध्य प्रदेश राज्य सरकार ने सीबीआई की एंट्री बैन कर दी है. पश्चिम बंगाल समेत कई राज्यों में सीबीआई की एंट्री पहले से बैन है. अब बीजेपी सरकार में सीबीआई का बैन होना लोगों को अचरज में डाल दिया है.

पश्चिम बंगाल (West Bangal) के बाद अब मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में भी सीबीआई बिना अनुमति जांच नहीं कर सकेगी. मध्य प्रदेश सरकार ने बिना राज्य सरकार की अनुमति लिए प्रदेश में जांच करने पर रोक लगा दी है. प्रदेश सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है. मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार ने कहा कि राज्य के अधिकारियों के खिलाफ जांच के लिए सीबीआई को लिखित अनुमति की जरूरत होगी.
बीजेपी राज्य में CBI क्यों बैन
मध्यप्रदेश में इन दिनों बीजेपी की सरकार है, जबकि देश में भी बीजेपी सरकार है. ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर मोहन यादव सरकार को ऐसा क्यों फैसला लेना पड़ा. आखिर किस मजबूरी की वजह से मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री ने यह कड़ा फैसला लिया है. इसके पीछे की वजहों को लेकर कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.
मध्यप्रदेश ने जारी किया आदेश, 1 जुलाई से होगा लागू
गृह विभाग के सेक्रेटरी गौरव राजपूत ने आदेश जारी कर दिया है. सरकार का नया आदेश एक जुलाई से प्रभावी रहेगा. सीबीआई को राज्य सरकार से लिखित में अनुमति लेनी होगी. इसके बाद ही निजी सरकारी और अन्य लोगों के खिलाफ सीबीआई जांच होगी.
केंद्रीय कर्मचारियों पर छूट
मध्य प्रदेश के कर्मचारियों पर कार्रवाई के लिए सीबीआई को भले ही अनुमति जरूरी हो, लेकिन मध्य प्रदेश के अंदर केन्द्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के कर्मचारी अधिकारियों पर कार्रवाई करने के लिए सीबीआई स्वतंत्र रहेगी. सीबीआई को इन पर कार्रवाई करने से पहले राज्य सरकार से अनुमति की जरूरत नहीं होगी. इसके लिए सीबीआई को मध्य प्रदेश सरकार की तरफ से अनुमति दे दी गई है.
राज्यों की आम सहमति के बिना सीबीआई नहीं कर सकती एंट्री
सीबीआई, दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना (डीएसपीई) अधिनियम, 1946 से संचालित होता है. डीएसपीई अधिनियम की धारा 6 में कहा गया है कि सीबीआई को रेलवे और केंद्र शासित प्रदेशों के अलावा कार्रवाई करने के लिए राज्यों की सहमति जरूरी होगी. सीबीआई को राज्य सरकार की सहमति या तो मामलों के आधार पर या सामान्य सहमति हो सकती है. आम सहमति आम तौर पर राज्यों द्वारा अपने राज्यों में केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामलों की निर्बाध जांच में सीबीआई की मदद करने के लिए दी जाती है. यह डिफ़ॉल्ट रूप से सहमति है, जिसके अभाव में सीबीआई को हर मामले में राज्य सरकार के पास आवेदन करना होगा.
बिना अनुमति के जांच कर सकती थी सीबीआई?
सीबीआई यानी केंद्रीय जांच एजेंसिया भले ही केंद्र सरकार के अधीन है, लेकिन किसी मामले की जांच तभी कर सकती है जब उन्हें हाईकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट या केंद्र से आदेश मिलता है. अगर मामला राज्य का तो राज्य सरकार से इस जांच की अनुमति लेनी होती है. अगर राज्य की आम सहमति है तो बिना रोक टोक राज्यों में सीबीआई एंट्री कर सकती है. हालांकि अगर किसी मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट या हाई कोर्ट आदेश देती है, तो ऐसी स्थिति में जांच एजेंसी को राज्य सरकार की अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी.
किन राज्यों में लगी है सीबीआई की एंट्री पर बैन
मध्यप्रदेश के पहले झारखंड, पंजाब, तेलंगाना, पश्चिम बंगाल, मेघालय, छत्तीसगढ़, केरल, मिजोरम और राजस्थान में केंद्रीय जांच एजेंसी की एंट्री पर रोक लगाई जा चुकी है. महाराष्ट्र में भी जब महाविकास अघाड़ी की सरकार थी उस वक्त भी सीबीआई की एंट्री बैन की गई थी. हालांकि पिछले साल जैसे ही सत्ता बदली राज्य सरकार ने एक बार फिर सीबीआई को ‘सामान्य सहमति’ दे दी थी.