चीन में क्यों नहीं होते हैं आतंकी हमले?
चीन के स्थानीय नागरिकों को नहीं मिल पाता आतंकवाद समर्थन

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले से सिर्फ भारत ही नहीं पूरी दुनिया हैरान है. इस आतंकी हमले ने एक बार फिर पाकिस्तान को बेनकाब कर दिया है क्योंकि पहलगाम में हुए आतंकी वारदात की साजिश पाकिस्तान के में रचे जाने के आरोप लग रहे हैं. ऐसा पहली बार नहीं है कि दुनिया के किसी देश में आतंकी वारदात के पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकवादियों के होने की बात सामने आई है. दुनिया के कई देश इस तरह के आतंकवाद से परेशान हैं, लेकिन क्या आपने कभी चीन में आतंकी हमले की खबर सुनी है.
चीन ने पिछले कुछ दशकों में तेजी से आर्थिक विकास किया है, जिससे यहां के नागरिकों के जीवन में सुधार हुआ है. दुनिया का सबसे ज्यादा आबादी वाला देश होने के बावजूद चीन में रोजगार के पर्याप्त साधन उपलब्ध हैं. यह एक बड़ा कारण है कि आतंकवाद को चीन के स्थानीय नागरिकों द्वारा समर्थन नहीं मिल पाता. दूसरी तरफ चीन की सरकार का फोकस बेहतर शिक्षा और जागरूकता पर भी है, जिससे यहां के नागरिक आतंकी विचारधारा का समर्थन नहीं करते और इसके प्रति सचेत रहते हैं.
अगर आप पिछले कुछ सालों का इतिहास उठाकर देखें तो चीन एक ऐसा देश है, जहां आतंकी हमले न के बराबर होते हैं. क्या आपने कभी सोचा है कि दुनियाभर में दहशत फैलाने वाले आतंकवादी चीन को अपना निशाना क्यों नहीं बनाते? आइए जानते हैं कि चीन में आतंकी हमले न होने के पीछे सबसे बड़े कारण क्या हैं.
दुनिया में कहीं भी आतंकी हमला होता है तो उसके पीछे पाकिस्तानी साजिश की बात जरूर आती है. यह बात किसी से छिपी नहीं है कि दुनिया के कई बड़े आतंकी संगठनों को पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी ISI का समर्थन प्राप्त है. हालांकि, चीन में आतंकी घुसपैठ और हमले न होने का सबसे बड़ा कारण चीन और पाकिस्तान की दोस्ती है. पाकिस्तान बहुत हद तक रक्षा और आर्थिक क्षेत्र में चीन पर निर्भर है. चीन ने पाकिस्तान को भारी मात्रा में रक्षा उपकरण और पैसा दिया है. ऐसे में पाकिस्तान चीन में किसी तरह का आतंकी हमला करवाकर अपने पैर पर कुल्हाड़ी नहीं मार सकता.
चीन में सुरक्षा व्यवस्था को बहुत सख्त माना जाता है और चीनी सरकार आतंकवाद के खिलाफ ‘जीरो टालरेंस पॉलिसी’ अपनाती है. सरकार ने आतंक विरोधी अभियानों को रोकने के लिए विशेष सुरक्षा बलों का गठन भी किया है. इसके अलावा नागरिकों की सुरक्षा के लिए भी चीन ने कई कड़े कदम उठाए हैं, जिससे चीन को आतंकवाद के खिलाफ लड़ने में मदद मिलती है.
चीन के पड़ोसी देशों में भारत और पाकिस्तान जैसे बड़े मुल्क शामिल हैं. चीन से दोस्ती होने के कारण पाकिस्तान समर्थित आतंकवादी चीन में घुसपैठ नहीं करते हैं और भारत कभी आतंकवाद को समर्थन नहीं देता. यह बड़ा कारण है कि चीन में आतंकी घुसपैठ नहीं होती. इसे अलावा चीन ने अपनी सीमाओं पर सख्त निगरानी सिस्टम डेवलप किया है, जिससे किसी भी तरह की घुसपैठ को रोका जा सके.