जम्मू में अचानक क्यों बढ़ रहे हैं हमले ?आखिर क्या है वजह , क्या 1999 से जुड़ा है कनेक्शन !

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की नई साजिश का पर्दाफाश हुआ है. भारतीय एजेंसी ने खुलासा किया है कि ISI जम्मू कश्मीर में 90 के दशक वाले आतंकी प्लान पर काम कर रही है. इससे इतर जम्मू में पिछले कुछ दिनों में हुए अप्रत्याशित हमलों की सबसे बड़ी वजह का खुलासा हुआ है.

जम्मू-कश्मीर आतंकी हमले : जम्मू-कश्मीर में तेजी से बढ़े आतंकी हमलों (Terror Attack) पर लगाम लगाने के लिए सेना (Army) दो मोर्चों पर काम कर रही है. एक ओर आतंकवादियों की मॉडस अप्रैंडी की पड़ताल हो रही है. दूसरी तरफ ऑपरेशन का दायरा बढ़ाकर चलाकर जंगलों में छिपे आतंकवादियों को मारा जा रहा है. इस बीच सेना की 16वीं कोर के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल नवीन सचदेवा ने डोडा, भद्रवाह, किश्तवाड़ और अन्य क्षेत्रों की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की है.

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान की स्टेटमेंट : ‘आतंकवाद का 1999 कनेक्शन’

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान (CDS Anil Chauhan) ने जम्मू-कश्मीर में पनपे आतंकवाद पर बड़ी बात कही है. CDS ने कहा- ‘1999 का कारगिल युद्ध दो महीने से अधिक समय तक खिंचा. उस दौरान कई गलतियां हुई थीं. तब हमने जंगलों को पेड़ समझकर नजरअंदाज कर दिया था. कश्‍मीर घाटी में आतंकवाद बड़ी चुनौती था, जिससे निपटने में लगे सुरक्षा बल ये देखना ही भूल गए कि हिमालय में ऊंचाई पर क्या हो रहा है.’

आतंकी हमलों की वजह क्या है?

जानकारों का कहना है कि ह्यूमन इंटेलिजेंस और सिग्नल इंटेलिजेंस के फेल्योर की वजह से आतंकी हमलों में कैजुअलिटी बढ़ी है. गुरिल्ला युद्ध प्रणाली में माहिर आतंकी जंगल और पहाड़ियों में सेना की पहुंच की कमी का फायदा उठा रहे हैं. आतंकी जिन रास्तों से 1990 के दौर में घुसपैठ करते थे, दोबारा उन्हीं रास्तों से भारत आ कर दहशत फैला रहे हैं. पाकिस्तान की नापाक साजिश का खुलासा होते ही हजारों भारतीय सैनिक जम्मू के पहाड़ी इलाकों में तैनात कर दिए गए हैं.

पुलिस-सेना की पड़ताल में खुलासा

पीर पंजाल रेंज के दक्षिण में बढ़े आतंकी हमलों के इजाफे को लेकर लगातार समीक्षा हो रही है. इस इलाके में तमाम गुफाएं हैं, जिनका इस्तेमाल आतंकी कर रहे हैं. यहां दुर्गम पहाड़ियां और जंगल का इलाका भी है. जम्मू रीजन में 40 ट्रेंड आतंकी एक्टिव हैं. वो छोटी-छोटी टीम में काम कर रहे हैं. ज्यादातर आतंकी पाकिस्तानी मूल के हैं जो जैश-ए-मुहम्मद के लिए काम करते हैं. सभी आतंकी आधुनिक हथियारों, गोला-बारूद और एन्क्रिप्टेड संचार उपकरणों से लैस हैं. इसलिए जम्मू में सेना को लगातार झटके दे रहे हैं. इसी साल अकेले करीब सात हमले हुए हैं. जिनमें सबसे ताजा हमला डोडा (Doda Attack) में हुआ, जिसमें एक कैप्टन समेत चार सैनिक मारे गए.

छावनी मे तब्दील हुई पहाड़ियां

पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI की नई साजिश का पर्दाफाश हुआ है. भारतीय खुफिया एजेंसी ने खुलासा किया है कि ISI जम्मू-कश्मीर में 1990 के दशक वाले आतंकी प्लान पर काम कर रही है. जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिला पुलिस के SOG ग्रुप ने जिला अस्पताल के आधिकारिक क्वार्टर की छत से ग्रेनेड बरामद होने के बाद पुंछ जिला अस्पताल के क्वार्टर क्षेत्र और अन्य घरों की छत की तलाशी ली.

टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू-कश्मीर में 2021 से अब तक सेना और अन्य सुरक्षा बलों के करीब 125 जवानों और अफसरों की शहादत हुई है. जिसमें से कम से कम 52 ने जम्मू क्षेत्र में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया. जाहिर है कि पाकिस्तान ने आतंकवाद का ध्यान कश्मीर से हटाकर जम्मू पर फोकस किया है. पहले, आतंकी गतिविधियां राजौरी और पुंछ के सीमावर्ती जिलों तक सीमित थीं, लेकिन अब रियासी, डोडा, भद्रवाह, कठुआ और अन्य स्थानों तक फैल गई हैं.

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