कौन हैं IAS मनोज पंत, जानिए उत्तराखंड से क्यों है खास नाता
पश्चिम बंगाल में सरकार ने आईएएस ऑफिसर मनोज पंत को बतौर मुख्य सचिव राज्य की कमान सौंप दी है. बीपी गोपालिका का कार्यकाल खत्म के बाद आईएएस पंत को यह जिम्मेदारी मिली हैं. जानकारी के मुताबिक बतौर मुख्य सचिव भगवती प्रसाद गोपालिका के कार्यकाल को और 3 महीने के लिए बढ़ाने के प्रस्ताव को केंद्र सरकार ने खारिज कर दिया. इसके बाद राज्य सचिवालय नबान्न ने शनिवार, 31 अगस्त 2024 को नए नाम की घोषणा की. मनोज पंत ने मुख्य सचिव का चार्ज ले लिया है. कौन हैं आईएएस मनोज पंत और कितने पढ़े-लिखें हैं? यहां जानिए उनके बारे में सबकुछ…
कितने पढ़े-लिखें हैं IAS मनोज पंत?
आईएएस पंत का उत्तराखंड से भी खास नाता है. दरअसल, पंत की पढ़ाई -लिखाई उत्तराखंड से ही हुई है. पिथौरागढ़ जिले के मूल निवासी मनोज पंत ने जियोलॉजी में पोस्ट ग्रेजुएशन किया हैं. जानकारी के मुताबिक पंत आईआईटी रुड़की से मास्टर ऑफ टैक्नोलॉजी में गोल्ड मेडलिस्ट हैं. उन्होंने अमेरिका से पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स भी किया है.
मनोज पंत ने साल 1990 में यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सफलता पाई थी. 1991 बैच के आईएएस पंत को आईएएस ट्रेनिंग के बाद पश्चिम बंगाल कैडर अलॉट किया गया था. मनोज पंत को साल 1993 में बतौर एसडीएम पूर्वी मेदिनीपुर की जिम्मेदारी मिली थी. आईएएस मनोज पंत ने मुर्शिदाबाद और उत्तर 24 परगना यानी एक साथ दो जिलों के डीएम का कार्यभार भी संभाला है.
जाने जाते हैं कुशल अधिकारी के रूप में
पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव आईएएस मनोज पंत 1991 बैच के आईएएस ऑफिसर हैं. उन्हें दुनिया के इस हिस्से की राजनीतिक और आर्थिक गतिविधियों की अच्छी जानकारी है. इससे पहले उन्होंने भूमि एवं भूमि सुधार और वित्त जैसे महत्वपूर्ण विभागों के सचिव के रूप में काम किया है. कुशल अधिकारी के रूप में जाने जाने वाले पंत को ऐसे समय में प्रशासन की कमान सौंपी गई है, जब राज्य सरकार आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ रेप और मर्डर के मामले में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच संकट का सामना कर रही है. ऐसे समय में यह उम्मीदें लगाई जा रही हैं कि उनके अनुभव का इस्तेमाल प्रशासन को कुशलतापूर्वक चलाने के लिए किया जाएगा.
साल 2011 से 2014 के बीच तीन साल तक उन्होंने वॉशिंगटन में वर्ल्ड बैंक हेडक्वार्टर में आर्थिक सलाहकार के तौर पर काम किया.
साल 2014 में मनोज को पश्चिम बंगाल जैव प्रौद्योगिकी विभाग के संयुक्त सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.
मनोज लगभग 2 साल तक वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव भी रहे.
हाल ही में मनोज को सिंचाई विभाग का सचिव नियुक्त किया गया था. 30 अगस्त को 1 दिन पहले ही हुआ था उनका ट्रांसफर हुआ था और 31 अगस्त 2024 को उन्हें मुख्य सचिव की जिम्मेदारी सौंप दी गई.