डॉक्टर “बेटी” के कितने गुनहगार, कौन हैं डॉक्टर देबाशीष सोम ?

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और फिर उसकी हत्या के मामले में रोजाना नए-नए खुलासे हो रहे हैं.

 कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप और फिर उसकी हत्या के मामले में रोजाना नए-नए खुलासे हो रहे हैं. अब इस मामले में एक नया नाम सामने आ रहा है, जिसको लेकर अस्पताल के पूर्व डिप्टी सुपरिटेंडेंट अख्तर अली ने बड़ा दावा किया है और बताया है कि आरजी कर हॉस्पिटल से कोई संबंध ना होने के बाद भी डॉक्टर देबाशीष सोम को क्राइम सीन पर मौजूद थे. तो आखिर डॉक्टर देबाशीष सोम कौन हैं और इस केस से उनका क्या कनेक्शन है?

कौन हैं डॉक्टर देबाशीष सोम?

कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पूर्व डिप्टी सुपरिटेंडेंट अख्तर अली ने दावा किया है कि हॉस्पिटल में 31 साल की महिला डॉक्टर की लाश मिलने के बाद क्राइम सीन पर डॉक्टर देबाशीष सोम भी मौजूद थे. इतना ही नहीं डॉक्टर देबाशीष सोम पोस्टमॉर्टम के समय भी मौजूद थे. बता दें कि 8-9 अगस्त की रात को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के सेमिनार हॉल में कथित तौर पर ट्रेनी डॉक्टर के साथ बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई थी.

आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के पूर्व डिप्टी सुपरिटेंडेंट अख्तर अली ने बताया कि देबाशीष सोम पश्चिम बंगाल स्वास्थ्य भर्ती बोर्ड  के सदस्य हैं. वर्तमान समय में आरजी कर अस्पताल से उनका कोई संबंध नहीं है. अख्तर अली का दावा है कि देबाशीष सोम पहले आरजी कर अस्पताल के फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के HOD थे. उनके समय ही दवाई खरीद-फरोख्त में धांधली का आरोप लगाया गया था. अख्तर अली ने यह भी दावा किया है कि अस्पताल में स्थित कैफेटेरिया का मालिक चंदन लौह पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष का एडिशनल सिक्योरिटी पर्सनल था और अस्पताल में भ्रष्टाचार में उनका हाथ भी है.

8-9 अगस्त की रात को क्या हुआ

8-9 अगस्त की रात कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पटिल के सेमिनार हॉल में महिला डॉक्टर का बलात्कार किया गया और उसकी हत्या कर दी गई. ट्रेनी डॉक्टर का शव अगले दिन सुबह सेमिनार हॉल में मिला था. शव मिलने से कुछ घंटे पहले वह अपनी 36 घंटे की शिफ्ट के बाद आराम करने के लिए हॉल में गई थी. उसके शव परीक्षण में 16 बाहरी और 9 आंतरिक चोटें पाई गईं. सीसीटीवी फुटेज के विश्लेषण से पता चला कि संजय रॉय 9 अगस्त को सुबह करीब 4.03 बजे बिल्डिंग में दाखिल हुआ था. 8 अगस्त को वह चेस्ट डिपार्टमेंट गया और कैमरों में पीड़ित डॉक्टर और अन्य लोगों को घूरता हुआ देखा गया था.

कोलकाता पुलिस ने ट्रेनी डॉक्टर का शव मिलने के एक दिन बाद 10 अगस्त को संजय रॉय को गिरफ्तार किया था. सीसीटीवी फुटेज और लेडी डॉक्टर के शव के पास एक ब्लूटुथ डिवाइस मिलने के बाद रॉय की गिरफ्तारी की गई थी. 33 साल का संजय रॉय साल 2019 से नागरिक स्वयंसेवक के रूप में कोलकाता पुलिस के साथ काम कर रहा था.

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