पानी इस लड़की के लिए बन गया ‘तेजाब’, छूते ही निकल आते फफोले, पीते ही जलने लगता है गला

जहां जल के बिना जीवन की कल्पना नामुमकिन है. वहां, एक 25 साल की लड़की ऐसे हेल्थ कंडीशन से जूझ रही है, जिसमें पानी ही उसकी परेशानी का सबब बन गया है.

एक 25 वर्षीय ब्रिटिश महिला केंडल ब्राइस एक रेयर पानी की एलर्जी की विशेषता वाली बीमारी ‘एक्वाजेनिक अर्टिकेरिया’ से पीड़ित हैं, जिससे उनका जीवन कठिन हो गया है. यह स्थिति इतनी गंभीर है कि उन्हें नहाना भी मुश्किल हो जाता है. केंडल बताती हैं कि जब वह शावर लेती हैं या अचानक बारिश में फंस जाती हैं, तो उनके शरीर पर जलन और सूजन हो जाती है, जो आग से जलने जैसी महसूस होती है.

इस रेयर एलर्जी के कारण उन्हें न केवल शारीरिक दर्द का सामना करना पड़ता है, बल्कि मानसिक तनाव भी होता है क्योंकि उन्हें सही से सफाई नहीं मिल पाती. केंडल बताती हैं कि वह इस बीमारी के कारण केवल सप्ताह में दो बार ही नहा सकती हैं क्योंकि इससे पैदा होने साइड इफेक्ट्स बहुत गंभीर होते हैं.
क्या है एक्वाजेनिक अर्टिकेरिया?
एक्वाजेनिक अर्टिकेरिया जिसे वाटर एलर्जी भी कहा जाता है, एक रेयर प्रकार की अर्टिकेरिया (हाइव्स) है. इसमें व्यक्ति के शरीर पर पानी के संपर्क में आते ही दर्दनाक चकत्ते उभर आते हैं. ये रैश त्वचा पर लाल या त्वचा के रंग जैसे दिखाई दे सकते हैं.  ज्यादातर किशोरावस्था के बाद पैदा होती है. अब तक 1964 से लेकर केवल 37 मामलों की रिपोर्ट आई है.

लक्षण

इस एलर्जी के लक्षणों में त्वचा का लाल होना, जलन या चुभने जैसा महसूस होना, सूजन, और त्वचा पर खुजली वाले चकत्ते शामिल होते हैं. कुछ मामलों में तो गले में जलन और सांस लेने में कठिनाई भी हो सकती है.

बच्चे को भी नहीं नहला सकती

केंडल बताती हैं कि इस बीमारी के शुरुआत में उन्हें केवल त्वचा पर तिखे दर्द जैसे कांटे चुभने का अहसास होता था, लेकिन अब यह दर्द और भी बढ़ गया है और ऐसा लगता है जैसे किसी ने लाइटर से उनके शरीर को जला दिया हो. उन्हें अपनी एक साल की बच्चे को नहला तक नहीं सकतीं, इसके लिए उनकी मां को मदद करनी पड़ती है.

क्या कारण है एक्वाजेनिक अर्टिकेरिया का?

वैज्ञानिक अभी तक यह नहीं जान पाए हैं कि इस बीमारी का असली कारण क्या है. हालांकि, माना जाता है कि जब पानी के संपर्क में आते हैं तो शरीर में हिस्टामिन का रिलीज होता है, जिससे एलर्जी जैसे लक्षण पैदा होते हैं. हिस्टामिन एक केमिकल है जो शरीर में एलर्जी के रिएक्शन में रिलीज होता है. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि पानी के संपर्क में आने पर यह हिस्टामिन कैसे रिलीज होता है.

एक्वाजेनिक अर्टिकेरिया का इलाज

इस स्थिति का कोई स्थायी इलाज नहीं है, लेकिन डॉक्टर कुछ उपचारों का सुझाव देते हैं जो लक्षणों को राहत देने में मदद कर सकते हैं. सबसे आम उपचारों में एंटीहिस्टामिन दवाइयां शामिल हैं, जो खुजली और सूजन को कम करने में मदद करती हैं. साथ ही, फ्लेयर-अप्स के दौरान फोटोथेरेपी का भी उपयोग किया जा सकता है, जो त्वचा की ऊपरी परत को मोटा करता है और पानी को त्वचा में घुसने से रोकता है. अगर सांस लेने में कठिनाई होती है तो एपीपेन का इस्तेमाल भी किया जा सकता है, जो एड्रेनालाईन का एक ऑटो-इंजेक्टर होता है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button