यूजीसी ने यूजी और पीजी कोर्सेज के लिए जारी किए नए नियम

छात्र अगर चाहें तो पढ़ाई के बीच में कोर्स छोड़ सकते

नई दिल्ली : यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन (UGC) ने वर्ष 2025 से शुरू होने वाले अंडर ग्रेजुएट्स (UG) और पोस्टग्रेजुएट्स (PG) के लिए नए नियम साझा किए हैं। इनमें से सबसे बड़ा बदलाव है मल्टीपल एंट्री और एग्जिट सिस्टम। ये बदलाव नई शिक्षा नीति (NEP 2020) के तहत शिक्षा को लचीला और छात्रों के अनुकूल बनाने के लिए किया गया है।

क्या है मल्टीपल एंट्री और एग्जिट सिस्टम?
मल्टीपल एंट्री और एग्जिट सिस्टम का अर्थ है कि छात्र एक, दो, तीन या चार साल बाद कोर्स छोड़ सकते हैं। फिर चाहे छात्र एक साल बाद कोर्स छोड़ें या तीन या चार साल बाद, उन्हें सर्टिफिकेट, डिप्लोमा या डिग्री मिलेगी। हालांकि, इसके लिए छात्रों का क्रेडिट पूरा करना जरूरी है। इसी के साथ स्टूडेंट्स बाद में कभी अपनी पढ़ाई वहीं से जारी रख सकते हैं, जहां से उन्होंने छोड़ी थी।

एक साल के कोर्स के बाद छात्रों को 40 क्रेडिट दिया जाएगा जोकि सर्टिफिकेट कोर्स हुआ
वहीं 2 साल के कोर्स के बाद 80 क्रेटिड मिलेगा, जोकि डिप्लोमा डिग्री हुआ
3 साल के बाद 120 क्रेडिट मिलेगा, जोकि जनरल डिग्री है
4 साल के बाद 160 क्रेडिट दिया जाएगा जिससे कि छात्रों को रिसर्च डिग्री के साथ ऑनर्स की डिग्री मिलेगी

क्रेडिट सिस्टम के बारे में यूजीसी ने बनाए नियम
यूजीसी ने क्रेडिट सिस्टम के बारे में भी स्पष्ट नियम बनाए हैं। अध्ययन किए गए प्रत्येक विषय के लिए क्रेडिट दिए जाएंगे। इन क्रेडिट को एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट्स (एबीसी) नामक डिजिटल सिस्टम में संग्रहीत किया जाएगा। छात्र भारत में विश्वविद्यालयों और संस्थानों में अपने क्रेडिट एकत्र, स्थानांतरित या उपयोग कर सकते हैं।

यूजी और पीजी के छैात्र जो एक ही समय में दो यूजी और पीजी प्रोग्राम भी पढ़ सकते हैं। यही नहीं अलग-अलग विश्वविद्यालयों से या अलग-अलग प्रारूपों (ऑफलाइन, ऑनलाइन या दूरस्थ) में भी भी पढ़ाई कर सकते हैं। साथ ही यूजीसी ने स्किल बेस्ड एजुकेशन (Skill Based Education) को नियमित अध्ययन के साथ कंबाइंड कर दिया है। छात्रों को अपने मुख्य विषय में कम से कम 50% क्रेडिट अर्जित करने होंगे, जबकि बाकी व्यावसायिक पाठ्यक्रमों, इंटर्नशिप या बहु-विषयक विषयों से आ सकते हैं।

साल में दो बार प्रवेश की छूट
यूजीसी के नए नियम जुलाई/अगस्त और जनवरी/फरवरी में साल में दो बार प्रवेश की अनुमति देते हैं, जिससे छात्रों को अपनी शिक्षा शुरू करने के लिए अधिक अवसर मिलते हैं। यूजीसी ने सभी विश्वविद्यालयों को इन नए नियम को पालन करने का आदेश दिया है। UGC का मानना है कि इससे शिक्षा को अधिक लचीला और व्यावहारिक बनाने में मदद मिलेगी। यदि विश्वविद्यालय इन नियमों का पालन नहीं करते हैं, तो यूजीसी कार्रवाई कर सकता है, जिसमें उन्हें कुछ डिग्री प्रदान करने से रोकना भी शामिल है।

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