रतन टाटा के इस शेयर ने किया कंगाल!
टाटा ग्रुप की टाटा इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन के शेयर में दो कारोबारी सत्र की तेजी के बाद बड़ी गिरावट देखी जा रही है. शेयर एक ही कारोबारी सत्र में करीब 900 रुपये टूट गया है. इससे निवेशकों को बड़ा नुकसान हुआ है.

टाटा इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन के शेयर में दो दिन की तेजी के बाद जबरदस्त गिरावट देखी जा रही है. दो कारोबारी सत्र में यह शेयर 25 प्रतिशत तक चढ़ गया लेकिन ट्रेडिंग सेशन के दौरान ही यह हाई लेवल से 800 रुपये से ज्यादा टूट गया. इससे निवेशकों को बड़ा झटका लगा है. शेयर पिछले दो दिन यानी मंगलवार और बुधवार के कारोबारी सत्र में 25 प्रतिशत से ज्यादा चढ़ गया. यह शेयर का पांच महीने का हाई लेवल था. शेयर में यह तेजी तब आई जब खबर आई कि टाटा संस ने 20,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज चुका दिया है. इसके बाद शेयर में जबरदस्त तेजी देखी गई.
दो दिन पहले 6171 रुपये पर बंद हुआ शेयर
20,000 करोड़ रुपये से ज्यादा कर्ज चुकाने की खबर आने के बाद शेयर में निवेशकों ने तेजी ने निवेश करना शुरू कर दिया. 26 अगस्त को 6171 रुपये के लेवल पर बंद हुआ यह शेयर 27 अगस्त को चढ़कर 7372.30 रुपये पर बंद हुआ. इस दौरान यह शेयर इससे ऊपर भी गया. इसके बाद 28 अगस्त को शेयर हरे निशान के साथ 7500 रुपये पर खुला. शेयर में लिवाली जारी रही और यह चढ़कर 8075.90 रुपये तक पहुंच गया. जो कि शेयर का पांच महीने का हाई लेवल है. लेकिन यहां पहुंचकर शेयर तेजी का सिलसिला कायम नहीं रख सका और नीचे गिरना शुरू हो गया.
8075 रुपये से 7200 पर आया शेयर
दोपहर बाद शेयर में बड़ी गिरावट देखी गई और यह तीन बजे करीब दो प्रतिशत से करीब गिरकर 7200 रुपये तक आ गया. इस तरह शेयर में एक ही ट्रेडिंग सेशन के दौरान 875 रुपये की गिरावट देखी गई. इससे निवेशकों को बड़ा नुकसान हुआ है. शेयर ने पिछले 365 दिन में मल्टीबैगर रिटर्न दिया है. बीएसई पर यह शेयर 225 प्रतिशत चढ़ गया है. बीएसई के आंकड़ों के अनुसार स्टॉक ने पिछले तीन साल में शानदार रिटर्न दिया है, जो कि 519.36% का है. कंपनी का मार्केट कैप गिरकर 36,226 करोड़ रुपये रह गया है.
क्या करती है कंपनी?
टाटा इन्वेस्टमेंट कॉर्पोरेशन का मुख्य कारोबार लिस्टेड और अनलिस्टेड इक्विटी शेयर, डेब्ट इंस्ट्रमेंट और म्यूचुअल फंड में निवेश करना है. यह कंपनी भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के साथ निवेश कंपनी की कैटेगरी के तहत रजिस्टर्ड एक एनबीएफसी है. आरबीआई ने सितंबर 2022 में टाटा संस को NBFC-अपर लेयर (NBFC-UL) के रूप में कैटेगराइज्ड किया था. आरबीआई की जरूरतों के अनुसार इस कैटेगरी में वर्गीकृत किए जाने के तीन साल के अंदर एक NBFC-UL को पब्लिकली लिस्टेड होना चाहिए. टाटा संस अपनी ग्रुप की कंपनियों, जिसमें प्रमुख टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS), टाटा मोटर्स और टाटा स्टील शामिल में निवेश के लिए बैंकों और बाजार से पूंजी जुटाती है.