सार्वजनिक स्थल पर धर्म परिवर्तन का कोई आयोजन नहीं होगा
बरेलीः बरेली में मौलाना तौकीर रज़ा को हिंदुओं का सामूहिक धर्म परिवर्तन और निकाह कराने की परमीशन नहीं मिली। बरेली जिला प्रशासन ने मौलाना तौकीर रज़ा झटका देते हुए कहा कि किसी भी सार्वजनिक स्थल पर धर्म परिवर्तन का कोई आयोजन नहीं होगा। अगर प्रशासन की आदेश की अवहेलना की जाएगी तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
हिंदू-लड़िकियों का धर्म परिवर्तन कराने के लिए मांगी थी अनुमति
दरअसल, बरेली में 21 जुलाई को मौलाना तौकीर रज़ा ने 23 हिंदू लड़के-लड़कियों का धर्म परिवर्तन करवाकर उनका सामूहिक निकाह कराने का ऐलान किया था। इसके लिए उन्होंने जिला प्रशासन से अनुमति मांगी थी। इसका हिंदू संगठनों ने कड़ा विरोध किया था। उन्होंने कहा कि 23 लोगों में से 15 लड़कियां और 8 लड़के हैं। पहली बार में पांच जोड़ों का निकाह कराया जाएगा।
मौलाना के खिलाफ कई जगहों पर प्रदर्शन
मौलाना ने दावा कि ये लड़के-लड़कियों आपस में लिव-इन में रहते हैं। इस्लाम में लिव इन की मान्यता नहीं है। इसलिए उनका निकाह कराकर उनकी शादी को कानूनी मान्यता देनी है। मौलाना के इस बयान के बाद यूपी के कई शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए और सीएम योगी के नाम ज्ञापन भी सौंपे गए।
इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल ने स्थगित किया कार्यक्रम
इत्तेहाद-ए-मिल्लत कौंसिल ने बताया है कि प्रशासन की तरफ से अनुमति नहीं मिलने के बाद सामूहिक धर्म परिवर्तन और निकाह कराने का कार्यक्रम स्थगित किया जाता है। कौंसिल ने लिखित में बताया है कि 21/07/2024 को आई एमसी द्वारा पांच जोड़े जो स्वेच्छा से इस्लाम धर्म कबूल कर निकाह करना चाहते थे जिसकी अनुमति के लिए बरेली प्रशासन से अनुमति का प्रार्थना पत्र दिया गया था।
हिंदू लड़के-लड़कियों का सामूहिक धर्म परिवर्तन-निकाह कराने की परमीशन
बरेली प्रशासन द्वारा अनुमति प्रदान नहीं की गई है। साथ प्रशासन द्वारा कहा गया है कि बरेली जनपद में किसी को भी धर्म परिवर्तन कराकर किसी सार्वजनिक स्थल पर विवाह या निकाह करने की अनुमति नहीं होगी। ऐसा करने पर विधिक कार्रवाई की जाएगी।
तौकीर रज़ा ने दिया था ये तर्क
बता दें कि तौकीर रज़ा ने 21 जुलाई को पहले चरण में 5 हिंदुओं का धर्म परिवर्तन कराकर उनका निकाह कराने की जानकारी दी थी। इसकी इजाजत के लिए सिटी मजिस्ट्रेट राजीव शुक्ला को एक पत्र भेजा गया था। उन्होंने कहा था कि जोड़े पहले से ही लिव-इन रिलेशनशिप में है। उन्होंने कहा कि संविधान ऐसे रिश्तों की इजाजत देता है, लेकिन इस्लाम और हिंदू धर्म में ये गैरकानूनी हैं।