नेपाल की सड़कों पर सेना उतरने के बावजूद हालात बेकाबू

काठमांडू: नेपाल की राजधानी काठमांडू में शुक्रवार को सेना की तैनाती के बावजूद हालात बेकाबू हो गए हैं। राजशाही समर्थक प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई हिंसक झड़प में दो लोगों की मौत हो गई है। जबकि कम से कम 30 लोग घायल हुए हैं। बताया जा रहा है कि राजशाही समर्थक प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया और एक राजनीतिक पार्टी के कार्यालय में हमला कर दिया, जिससे भड़की हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि 30 अन्य घायल हो गए।

वाहनों में लगा दी आग
प्रदर्शनकारियों ने वाहनों को भी आग लगा दी और दुकानों में लूटपाट कर दी, जिसके बाद सेना को बुलवाया गया, जबकि कुछ हिस्सों में कर्फ्यू लगा दिया गया। जिले के प्राधिकारियों ने बताया कि कर्फ्यू करीब पांच घंटे यानी रात 10 बजे तक लागू रहेगा और कुछ इलाकों में किसी को भी घूमने-फिरने की इजाजत नहीं होगी। प्राधिकारियों ने बताया कि पथराव कर रहे और सुरक्षा अवरोधकों को तोड़ने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने तितर-बितर करने का प्रयास किया, जिससे कई पुलिस कर्मी घायल हो गए। उन्होंने बताया कि घायल होने वाले लोगों में से आधे पुलिसकर्मी हैं।

जानें क्या है मामला
नेपाल की राजधानी के एक अन्य हिस्से में उन लोगों ने एक अलग रैली आयोजित की जो देश में राजशाही की वापसी का विरोध कर रहे थे। काठमांडू के तिनकुने क्षेत्र में राजशाही समर्थकों ने अपने हाथों में नेपाल के झंडे और पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह की तस्वीर पकड़ी हुई थी। झड़प के दौरान, प्रदर्शनकारियों ने एक घर को जला दिया, आठ वाहनों को आग लगा दी, बानेश्वर में सीपीएन-यूनिफाइड सोशलिस्ट्स पार्टी के कार्यालय पर हमला किया, चाबाहिल में भटभटेनी सुपरमार्केट को लूट लिया और कांतिपुर टेलीविजन तथा अन्नपूर्णा पोस्ट अखबार के कार्यालयों में तोड़फोड़ की। काठमांडू जिला प्रशासन ने शांतिनगर पुल और मनोहरा नदी पुल के बीच के क्षेत्र कोटेश्वर, तिनकुने, हवाई अड्डा क्षेत्र, बानेश्वर चौक और गौशाला में कर्फ्यू की घोषणा की। अधिकारियों ने बताया कि अगर लोग अपना टिकट दिखाएंगे तो उन्हें हवाई अड्डे तक जाने की अनुमति दी जाएगी।

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