1947 में दुनिया का सबसे अमीर आदमी भारतीय था

उस दौर में हैदराबाद के निजाम मीर उस्मान अली खान भारत ही नहीं दुनिया के सबसे अमीर आदमी थे. उनके पास अकूत संपत्ति थी. उस समय उनके पास इतना धन था कि जिसका अंदाजा आज भी लोग नहीं लगा सकते. टाइम मैगजीन ने भी उन्हें कभी पहले पेज पर जगह दी थी

क्या आप जानते हैं कि भारत की स्वतंत्रता के समय, दुनिया का सबसे अमीर आदमी कौन था. ये कोई और नहीं बल्कि एक भारतीय था. हैदराबाद के निजाम मीर उस्मान अली खान उस दौरान भारत ही नहीं दुनिया के भी सबसे अमीर आदमी थे. निजाम के पास इतना धन था जिसका कोई हिसाब ही नहीं था. एक किताब में लिखा गया कि उनकी कुल दौलत करीब 17.5 लाख करोड़ रुपए उस समय आंकी गई थी.

असल में इतिहासकार डॉमिनिक लापियर और लेरी कॉलिंस अपनी एक किताब ‘फ्रीडम एड मिडनाइट’ में लिखा कि हैदराबाद के निजाम के पास भारत की आजादी के समय 20 लाख पाउंड से ज्यादा की तो नगदी थी, निजाम के महल में नोटों के बंडल रखे ही रह जाते थे और उनका उपयोग ही नहीं होता था. यहां तक कि उनको चूहे भी कुतर देते थे. उनके पास सोने हीरे और चांदी का भंडार हुआ करता था.

टाइम ने फ्रंट पेज पर जगह दी

दुनिया के सबसे लोकप्रिय मैगजीन टाइम ने फरवरी 1937 के अपने अंक में निजाम मीर उस्मान अली खान को फ्रंट पेज पर जगह दी थी. टाइम ने लिखा था कि निजाम दुनिया के सबसे रईस आदमी हैं. ये तमगा लंबे समय तक उनके पास रहा. भारत की आजादी तक यह भी यह तमगा रहा. कॉलिंस और लापियर ने अपनी किताब में यह भी लिखा कि निजाम के महल में उनकी मेज की दराज में मशहूर ‘जैकब’ हीरा रखा रहता था. हालांकि बताया जाता है कि हैदराबाद मीर उस्मान अली जितने अमीर थे, उतने ही अपनी कंजूसी के लिए बदनाम भी थे.

एग्जॉल्टेड हाईनेस का खिताब.. अंग्रेजों से दोस्ती, ब्रिटेन को भी धन दिया

स्वतंत्रता के समय, भारत में केवल वही एक ही शासक ऐसे थे जिन्हें ब्रिटिश सरकार ने “एग्जॉल्टेड हाईनेस” का सम्मानजनक खिताब दिया था. यह खिताब उन्हें यूं ही नहीं मिला था.  पहले विश्व युद्ध के दौरान निजाम ने ब्रिटिश युद्ध कोष में ढाई करोड़ पाउंड की भारी रकम दान की थी. उनकी उदारता और ब्रिटिश सरकार के प्रति निष्ठा के चलते उन्हें यह खिताब दिया गया था. मीर उस्मान अली खान को उस समय ब्रिटिश हुकूमत का सबसे वफादार दोस्त माना जाता था. लेकिन इस पर उनको कई आलोचनाओं का भी शिकार होना पड़ा है.

कंजूसी के किस्से भी मशहूर रहे

हैदराबाद के निजाम मीर उस्मान अली खान, अपनी अथाह संपत्ति के बावजूद अपनी कंजूसी के लिए भी जाने जाते थे. उनकी कंजूसी के किस्से आज भी मशहूर हैं. कहा जाता है कि जो कोई उनसे मिलने आता था और ऐशट्रे में बुझी हुई सिगरेट छोड़ जाता था, निजाम उसे बाद में सुलगाकर पी लेते थे. उस समय बड़े-बड़े अमीर, उमरा और जमींदार अपने राजा को एक अशर्फी का नजराना पेश करते थे. बाद में राजा उस अशर्फी को छूकर लौटा दिया करते थे लेकिननिजाम उसे ले लेते थे.

सोना और हीरे का विशाल भंडार: निजाम के पास सोने और हीरों का एक विशाल भंडार था, जिसमें “जैकब का तारा” नामक एक प्रसिद्ध हीरा भी शामिल था.

बेशुमार जमीन: निजाम के पास हैदराबाद राज्य में बेशुमार जमीन थी, जिसका अनुमान लाखों एकड़ में लगाया जाता है.

कंपनियां: निजाम के पास कई कंपनियां थीं, जिनमें रेलवे, बैंक और खनन कंपनियां शामिल थीं.

निजी संपत्ति: निजाम के पास कई महल, रत्न और कलाकृतियाँ भी थीं.

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