व‍ित्‍त मंत्री ने कहा ‘मैं चाहती हूं Tax जीरो हो जाए लेक‍िन…’

निर्मला सीतारमण भोपाल में : भोपाल में आयोज‍ित एक कार्यक्रम के दौरान लोगों की टैक्‍सेशन से जुड़ी श‍िकायतों पर व‍ित्‍त मंत्री ने कहा मेरी चाहत है क‍ि आप पर लगने वाले टैक्‍स घटकर जीरो पर आ जाए लेक‍िन...

इंडियन टैक्सेशन सिस्टम : ब‍िजनेसमैन हो या सैलरीड क्‍लास, सरकार के टैक्‍सेशन स‍िस्‍टम लेकर लोग अक्‍सर श‍िकायत करते रहते हैं. टैक्‍स की अधिकता की शिकायतों के बीच वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि उनकी मंशा है क‍ि टैक्‍स को लगभग जीरो कर दिया जाए. लेकिन देश चुनौतियों का सामना कर रहा है और संसाधन जुटाने की इसकी जरूरत है. इससे र‍िसर्च एंड डेवलपमेंट पर ज्‍यादा से ज्‍यादा पैसा खर्च करने में मदद म‍िलेगी. कई बार वित्त मंत्री होने के नाते मुझे लोगों को यह जवाब देना पड़ता है कि हमारे टैक्‍स स‍िस्‍टम ऐसा क्यों हैं?

व‍ित्‍त मंत्री न‍िर्मला सीतारमण ने भोपाल के आईआईएसईआर में आयोज‍ित 11वें दीक्षांत समारोह में कहा ‘हम इसे (टैक्‍स) कम क्यों नहीं कर सकते? काश मैं इसे जीरो कर पाती. लेकिन देश की चुनौतियां बहुत गंभीर हैं और इन्हें हमें पार करना होगा.’ इस दौरान फाइनेंस म‍िन‍िस्‍टर ने कहा लेक‍िन टैक्‍स को जीरो करना संभव नहीं है क्योंकि देश चलाने के लिए पैसों की जरूरत होती है. उन्होंने वैज्ञानिकों से अपील की कि वे र‍िन्‍यूएबल एनर्जी और उसके स्‍टोरेज पर ज्यादा से ज्यादा र‍िसर्च करें. यह तेजी से बढ़ते भारत के लिए बहुत जरूरी है और एनवायरमेंट को बचाने के लिए भी.

पेरिस एग्रीमेंट का पैसा अभी तक नहीं आया

उन्‍होंने कहा विकसित देशों ने बार-बार क‍िये गए अपने वादे पूरे नहीं किए हैं. इस बदलाव को लेकर उन्होंने कहा, ‘दुनिया ने जीवाश्म ईंधन से र‍िन्‍यूएबल एनर्जी की तरफ जाने के लिए बहुत पैसा देने का वादा किया था, लेकिन वह पैसा अभी तक नहीं आया है. पेरिस एग्रीमेंट में किए गए वादे भारत ने अपने ही पैसे से पूरे किए हैं.’ इस मौके पर वित्त मंत्री ने देश के मौजूदा टैक्‍सेशन स‍िस्‍टम को सही बताया. उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से वैज्ञानिक र‍िसर्च में भारी निवेश किया जा रहा है.

उन्होंने कहा, ‘मैं चाहती हूं कि मेरे सामने ग्रेजुएशन, पीएचडी होल्‍डर बहुत विद्वान लोग हों जो देश की चुनौतियों को समझें. मैं भारत जैसे विकासशील देश के लिए ऊर्जा के उन स्थायी स्रोतों में से एक के रूप में नवीकरणीय ऊर्जा का उदाहरण लेती हूं.’ सीतारमण ने वैज्ञानिकों से र‍िन्‍यूएबल एनर्जी और स्‍टोरेज के ल‍िए बैटरी विकसित करने का भी आग्रह किया क्योंकि जीवाश्म ईंधन से र‍िन्‍यूएबल एनर्जी में बदलाव टिकाऊ होना चाहिए.

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