भारत और कनाडा के संबंधों में तनाव

कनाडा: कनाडा की खुफिया एजेंसी के चीफ डेविड विग्नॉल्ट फरवरी और मार्च में दो बार भारत के सीक्रेट दौरे पर आए थे.खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या से संबंधित मामले की जानकारी भारतीय अधिकारियों को देने के लिए उन्होंने यह दौरे किए थे.

ऐसा माना जा रहा है कि कनाडाई सिक्योरिटी इंटेलिजेंस सर्विस (सीएसआईएस) के निदेशक विग्नॉल्ट ने हत्या के संबंध में ओटावा की जांच के दौरान सामने आई जानकारी साझा की है. इस हत्या की जांच रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) द्वारा की जा रही है.

कनाडा में भारतीय नागरिकों की गिरफ्तारी
विग्नॉल्ट की अघोषित भारत यात्रा कनाडा द्वारा निज्जर हत्या केस में तीन भारतीय नागरिकों की गिरफ्तारी से कुछ सप्ताह पहले हुई थी. कनाडा ने करणप्रीत सिंह (28), कमलप्रीत सिंह (22) और करन बरार (22) को निज्जर की हत्या में कथित तौर शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया था. इसके बाद चौथे भारतीय अमनदीप सिंह को कनाडाई अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था.

कनाडाई अधिकारी ने किया कनफर्म
कनाडा सरकार के एक अधिकारी ने कहा, ‘हम कनफर्म कर सकते हैं कि सीएसआईएस के निदेशक डेविड विग्नॉल्ट ने भारत का दौरा किया, लेकिन हम बंद कमरे में हुई बैठकों की प्रकृति या विषय-वस्तु पर कोई टिप्पणी नहीं करते.’

अधिकारी ने कहा, ‘जैसा कि मैंने कहा, जब से कनाडा को विश्वसनीय आरोपों के बारे में पता चला है, हमने निज्जर मामले पर भारत को विभिन्न माध्यमों से सभी सूचनाएं लगातार उपलब्ध कराई हैं.’ उन्होंने कहा, ‘इस बात की तस्दीक प्रधानमंत्री ट्रूडो और कनाडा के लोक सुरक्षा मंत्री ने भी सार्वजनिक तौर पर की है.’

अधिकारी ने कहा, ‘शुरू से ही कनाडा की प्राथमिकता सच्चाई और जवाबदेही सुनिश्चित करना रही है. यह हमारे दोनों देशों के हित में है. इस संबंध में, कनाडा आरसीएमपी के नेतृत्व में चल रही स्वतंत्र जांच के महत्व को रेखांकित करता रहा है.’ उन्होंने कहा, ‘आरसीएमपी की एकीकृत हत्या जांच टीम द्वारा चल रही पुलिस जांच को देखते हुए, हम आपको हरदीप सिंह निज्जर मामले से संबंधित साक्ष्यों पर प्रश्नों के लिए आरसीएमपी को संदर्भित करते हैं.’

भारत और कनाडा के संबंधों में तनाव
बता दें भारत द्वारा आतंकवादी घोषित किए गए निज्जर की पिछले साल 18 जून को ब्रिटिश कोलंबिया के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. सितंबर 2024 में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ने निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों के शामिल होने के आरोप लगाए. इसके बाद भारत और कनाडा के संबंध बेहद तनावपूर्ण हो गए. भारत ने ट्रुडो के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया था.

भारत का कहना है कि मुख्य मुद्दा यह है कि कनाडा ने अपनी धरती से गतिविधियां चला रहे खालिस्तान समर्थक तत्वों को बिना किसी रोक-टोक के जगह दी है.

भारत को राजनयिकों की सुरक्षा की चिंता
पिछले कुछ महीनों में भारत, कनाडा में अपने राजनयिकों की सुरक्षा पर चिंता व्यक्त करता रहा है. नई दिल्ली ओटावा से यह सुनिश्चित करने को कहता रहा है कि वे बिना किसी भय के अपनी जिम्मेदारियों को निभा सके.

खालिस्तानी समर्थक तत्वों द्वारा भारतीय राजनयिकों को नुकसान पहुंचाने की धमकी देने के कई मामले सामने आए हैं. पिछले साल ट्रूडो के आरोपों के कुछ दिनों बाद, भारत ने समानता सुनिश्चित करने के लिए कनाडा से देश में अपनी राजनयिक उपस्थिति कम करने को कहा था. इसके बाद कनाडा ने भारत से 41 राजनयिकों और उनके परिवार के सदस्यों को वापस बुला लिया.

 

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