तेजस बनेगा महाशक्तिशाली, डील पर राजी हुआ अमेरिका

दिल्ली में NSA अजित डोवल और अमेरिकी NSA जेक सुविलन के साथ प्रतिनिधमंडल स्तर की बैठक से इशारा मिला है, कि जल्द तेजस और ताकतवर होने वाला है. इस बैठक में कई मुद्दों पर बात हुई, जिसमें क्षेत्रीय सुरक्षा की स्थिति से लेकर द्विपक्षीय रक्षा संबंध शामिल रहे.

भारत और अमेरिका के बीच सम्बन्ध : राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और अमेरिका के NSA जेक सुविलन के बीच दिल्ली में मुलाकात हुई. इस मुलाकात में कई मुद्दों पर बात हुई, लेकिन सबसे अहम ‘तेजस टॉक’ रही. जिसपर दोनों देश आगे बढ़ रहे हैं. और अमेरिका भारत को तेजस के जेट इंजन की तकनीक ट्रांसफर करने को राजी है.

दिल्ली में NSA अजित डोवल और अमेरिकी NSA जेक सुविलन के साथ प्रतिनिधमंडल स्तर की बैठक से इशारा मिला है, कि जल्द तेजस और ताकतवर होने वाला है. इस बैठक में कई मुद्दों पर बात हुई, जिसमें क्षेत्रीय सुरक्षा की स्थिति से लेकर द्विपक्षीय रक्षा संबंध शामिल रहे. लेकिन सबसे अहम तेजस लड़ाकू विमान के इंजन की तकनीक ट्रांसफर करना है.

तेजस की बढ़ेगी ताकत

दरअसल, भारत को अमेरिका के बीच तेजस के जेट इंजन F414 के मिलकर प्रोडक्शन करने की कवायद चल रही है. अगर भारत में तेजस का इंजन बनने लगा तो इससे तेजस की ताकत में इजाफा होगा.

दरअसल, अमेरिका और भारत के बीच रक्षा, स्पेस, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऊर्जा तकनीक को लेकर साझेदारी बढ़ाने को लेकर iCET की शुरूआत हुई थी. दोनों देशों के बीच इसपर पिछले साल वाशिंगटन डीसी में बैठक हुई. आज हुई बैठक को इसी की दूसरी कड़ी माना जा रहा है. iCET से मतबल India Initiative on Critical and Emerging Technology से है. इसका मकसद एक दूसरे को तकनीक में विश्वसनीय भागदारी बनाना है.

दरअसल, भारत सैन्य तौर पर खुद को मजबूत कर रहा है. इसके लिए पहले रूस से हथियारों का ज्यादा खरीद होती थी. लेकिन रूस से तकनीक ट्रांसफर नहीं की जाती थी. जबकि अमेरिका इस दिशा में आगे बढ़ने को तैयार है. इसलिए जानकारों का मानना है कि भारत को अमेरिका से कई और हथियार मिलने वाले हैं. पिछले कुछ वर्षों में भारत ने अपने सैन्य बेडे में कई नए हथियार शामिल किये हैं, इसी कवायद में अब तेजस को नई टेक्नोलॉजी मिलने वाली है, जिससे वह और ताकतवर हो जाएगा.

IMEC पर भी हुई चर्चा

ऐसी जानकारी मिली है कि दोनों देशों के एनएसए ने प्रस्तावित भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) पर भी बातचीत की है, जिसकी शुरुआत में पश्चिम एशिया में मौजूदा स्थिति के मद्देनजर देरी हो रही है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने मई 2022 में तोक्यो में क्वाड सम्मेलन से इतर ‘आईसीईटी’ की शुरुआत की थी, उसके बाद दोनों एनएसए ने सेमीकंडक्टर, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्वांटम कम्प्यूटिंग, डिफेंस इनोवेशन, स्पेस और आधुनिक दूरसंचार समेत नई और उभरती टेक्नोलॉजी के अलग-अलग पहलुओं पर पार्टनरशिप पर बात की.

ICET में शामिल हुए ये क्षेत्र

इसके अलावा दोनों देशों ने आईसीईटी में नए क्षेत्रों को शामिल किया है, जिसमें बायोटेक्नोलॉजी, जरूरी मिनरल्स और अर्थ प्रोसेसिंग टेक्नोलॉजी, डिजिटल कनेक्टिविटी, डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर और एडवांस मटीरियल्स शामिल हैं.

वार्ता में, दोनों पक्षों ने चल रहे रक्षा सहयोग की समीक्षा की, जिसमें अमेरिकी रक्षा दिग्गज जीई एयरोस्पेस और भारत के हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स (एचएएल) के बीच भारतीय वायुसेना के लिए एडवांस एफ414 जेट इंजन बनाने की महत्वाकांक्षी योजना भी शामिल है. पिछले साल अगस्त में, अमेरिकी संसद ने जेट इंजन के उत्पादन के लिए जीई एयरोस्पेस और एचएएल के बीच समझौते को मंजूरी दी थी.

 

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