पहलगाम हमले पर सरकार के पक्ष में आए शशि थरूर
कहा- किसी भी देश के पास 100% सटीक जानकारी नहीं होती, इजरायल का भी उदाहरण सामने है

नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले को खुफिया विफलता बताया है। उन्होंने इसकी तुलना 7 अक्टूबर 2023 को हमास द्वारा इजराइल पर किए गए हमले से की, जिसने इजरायल जैसे मजबूत खुफिया तंत्र वाले देश को भी चौंका दिया था
हमास के हमले से अपनी सशक्त खुफिया तंत्र के लिए जाना जाने वाला इजरायल भी स्तब्ध रह गया था। इसलिए यह तय है कि किसी भी देश के पास फूलप्रूफ खुफिया जानकारी नहीं हो सकती है।
सिर्फ दो साल पहले सात अक्टूबर को इजरायली भी उन पर हुए हमले से स्तब्ध रह गए थे। कोई जवाब मांगने से पहले इजरायल युद्ध के अंत तक पहुंचने का इंतजार कर रहा है। इसीतरह हमें भी पहले मौजूदा संकट से पार होने के बाद ही सरकार से जवाब मांगना चाहिए।
कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री थरूर ने रविवार को कश्मीर के पहलगाम क्षेत्र में हुए आतंकी हमले पर कहा कि कुछ विफलताएं हुई हैं। लेकिन हमारे पास विश्व में सर्वश्रेष्ठ खुफिया सेवा वाले देश इजरायल का भी उदाहरण है।
‘कई बार हमलों को रोक दिया जाता है’
थरूर ने कहा कि कई बार आतंकी हमलों को सफलतापूर्वक रोक दिया जाता है। लेकिन इस पर किसी का ध्यान नहीं जाता। जब हमले रोकने में नाकाम होते हैं, तो उन पर ही बात होती है। उन्होंने माना कि कुछ कमियां रही हैं। लेकिन उन्होंने कहा कि अभी ध्यान संकट पर होना चाहिए। तुरंत किसी को दोष नहीं देना चाहिए।
शशि थरूर ने किया सरकार का समर्थन
उन्होंने केंद्र सरकार का समर्थन करते हुए कहा कि कई बार आतंकी हमलों को रोकने की सफलता पर ध्यान नहीं जाता लेकिन विफलता पर सबकी नजर होती है। उन्होंने कहा कि तुरंत दोषारोपण करने से अच्छा है कि मौजूदा संकट पर ध्यान दिया जाए। हम कभी नहीं जान पाएंगे जिन हमलों को होने से पहले ही सफलतापूर्वक रोक दिया गया।
NIA कर रही हमले की जांच
इस बीच एनआईए की टीमें 23 अप्रैल से पहलगाम में हैं। वे आतंकी हमले की जांच कर रही हैं। ये टीमें एक आईजी, डीआईजी और एसपी की अगुआई में काम कर रही हैं। वे उन चश्मदीदों से पूछताछ कर रही हैं, जिन्होंने 22 अप्रैल को हुए हमले को देखा था। इस हमले में 26 पर्यटकों की मौत हुई, जिनमें एक नेपाली नागरिक भी शामिल था, और तीन दर्जन से ज्यादा लोग घायल हुए। यह हमला दोपहर करीब 2 बजे पहलगाम के पास बैसरन घाटी में हुआ।