सीरिया की राजधानी तक पहुंचे विद्रोही

सीरिया में तख्‍तापलट की कोशिश हो रही है. विद्रोहियों ने सीरिया के कई इलाकों में कब्जा कर लिया है. वहीं सीरियाई सरकारी सेनाएं नियंत्रण बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही हैं.

सीरिया में दिन-ब-दिन हालात बिगड़ते जा रहे हैं. विद्रोहियों का आतंक लगातार जारी है. रॉयटर्स के रिपोर्ट्स के अनुसार विद्रोहियों ने यह दावा किया है कि उन्होंने दमिश्क को घेरना शुरू कर दिया है. हालांकि सीरियाई सरकारी बलों ने इस बात से इनकार किया है कि वे राजधानी के नजदीकी इलाकों से हट गए हैं.

राजधानी को घेरने का अंतिम चरण

विद्रोही कमांडर हसन अब्देल गनी ने कहा है कि हमारी सेना ने राजधानी दमिश्क को घेरने का अंतिम चरण शुरू कर दिया है. जबकि इससे पहले विद्रोही होम्स के प्रमुख शहर के उपनगरों में कब्‍जा कर चुके हैं. इतना ही नहीं सीरिया में विद्रोहियों ने कई इलाकों में कब्जा कर लिया है. स्थिति सीरिया की सरकारी सेना के हाथ से निकलती नजर आ रही है.

तख्‍तापटल की कोशिश

खबरों के अनुसार सीरियाई सरकारी सेनाएं देश में नियंत्रण बनाए रखने और राष्ट्रपति बशर अल-असद के 24 साल के शासन को बनाए रखने के लिए संघर्ष कर रही हैं. वहीं विद्रोही तख्तापलट की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं. इस बीच सीरिया के लिए संयुक्त राष्ट्र के विशेष दूत गीर पेडरसन ने ‘व्यवस्थित राजनीतिक परिवर्तन’ सुनिश्चित करने के लिए जिनेवा में तत्काल वार्ता किए जाने का आह्वान किया है. वहीं डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका को सीरिया में संघर्ष में शामिल नहीं होना चाहिए.

विद्रोह के जन्‍मस्‍थल पर भी कब्‍जाया

राष्ट्रपति बशर अल-असद के खिलाफ 2011 में दारा शहर से विद्रोह की शुरुआत‍ हुई थी. विद्रोही इस शहर को भी हथिया चुके हैं. इसके अलावा सीरिया के अलेप्‍पो समेत कई बड़े शहरों पर विद्रोही कब्‍जा कर चुके हैं और अब उन्‍होंने दावा किया है कि वे दमिश्क को घेर रहे हैं. बल्कि दमिश्‍क पर कब्‍जा करने के अंतिम चरण में हैं.

देश छोड़ रहे राष्ट्रपति?

कहा जा रहा था कि राष्‍ट्रपति देश छोड़कर जा रहे हैं. लेकिन राष्‍ट्रपति असद के कार्यकाल ने इन खबरों का खंडन किया है. साथ ही कहा है कि सीरिया के राष्ट्रपति दमिश्क से ही अपने कर्तव्यों का पालन कर रहे हैं.

जबकि विद्रोहियों ने 24 घंटे के भीतर लगभग पूरे दक्षिण-पश्चिम क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है और दमिश्क के 30 किलोमीटर के दायरे के अंदर पहुंच गए हैं. जिसके कारण सरकारी बलों को ज्‍यादा सुरक्षित स्थानों पर पीछे हटने के लिए मजबूर होना पड़ा. बता दें कि पिछले सप्ताह सीरिया में शुरू हुए हमले में कम से कम 826 लोग मारे गए हैं, जिसमें 111 नागरिक भी शामिल हैं.

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