आरबीआई ने किया एक और बैंक बंद करने का फैसला
पिछले दिनों मुंबई के 'द सिटी को-ऑपरेटिव बैंक' का लाइसेंस रद्द करने के बाद अब आरबीआई ने एक और बैंक पर हंटर चलाया है. इस बार अहमदाबाद के कलर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक को बंद करने का फैसला लिया गया है.

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) नियमों का पालन नहीं करने पर समय-समय पर बैंकों के खिलाफ कार्रवाई करता रहता है. पिछले दिनों रिजर्व बैंक की तरफ से कई बैंकों पर पेनाल्टी लगाई गई है. अब इसी क्रम में आरबीआई (RBI) ने कहा कि उसने अहमदाबाद स्थित ‘कलर मर्चेंट्स को-ऑपरेटिव बैंक’ का लाइसेंस कैंसिल कर दिया है क्योंकि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं.
DICGC से पांच लाख तक की जमा राशि मिलेगी
रिजर्व बैंक (RBI) ने बयान में कहा कि गुजरात सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार को बैंक बंद करने और बैंक के लिए एक लिक्विडेटर तैनात करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है. परिसमापन पर बैंक का हर जमाकर्ता डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (DICGC) से महज पांच लाख रुपये की लिमिट तक अपनी जमा राशि पर इंश्योरेंस क्लेम प्राप्त करने का हकदार होगा. रिजर्व बैंक (RBI) ने आगे कहा कि सहकारी बैंक की तरफ से पेश आंकड़ों के अनुसार करीब 98.51 प्रतिशत जमाकर्ता डीआईसीजीसी (DICGC) से अपनी जमा राशि की पूरी राशि प्राप्त करने के हकदार हैं.
बैंक ने 13.94 करोड़ का पेमेंट पहले ही कर दिया
31 मार्च 2024 तक डीआईसीजीसी (DICGC) ने बैंक के जमाकर्ताओं को 13.94 करोड़ रुपये का पेमेंट पहले ही कर दिया है. लाइसेंस रद्द करने के पीछे कारण बताते हुए रिजर्व बैंक की तरफ से बताया गया कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं. सहकारी बैंक बैंकिंग विनियमन अधिनियम के तहत कुछ आवश्यकताओं का पालन करने में बैंक कामयाब नहीं हो पाया. रिजर्व बैंक ने कहा, ‘बैंक का बने रहना जमाकर्ताओं के हितों के लिए हानिकारक है. अपनी मौजूदा फाइनेंशियल स्थिति के साथ बैंक अपने जमाकर्ताओं को पूरा भुगतान करने में असमर्थ होगा.’
‘बैंक का जारी रहना, लोगों के हितों को खतरा’
रिजर्व बैंक ने यह भी कहा कि यदि बैंक को अपना बैंकिंग बिजनेस आगे भी जारी रखने की अनुमति दी जाती है तो इससे लोगों पर गलत असर पड़ेगा. लाइसेंस कैंसिल होने के बाद सहकारी बैंक ने 16 अप्रैल 2025 को कारोबार बंद होने के साथ अपना बैंकिं बिजनेस बंद कर दिया. यानी आज सुबह से बैंक की तरफ से किसी प्रकार का कारोबार नहीं किया जाएगा. बैंकिंग कारोबार में अन्य चीजों के अलावा जमा स्वीकार करना और जमा का रीपेमेंट शामिल है.