अयोध्या से सीतामढ़ी तक बनेगा राम-जानकी पथ

बिहार को मोदी सरकार का बड़ा तोहफा

नई दिल्ली/पटनाः केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने बिहार को एक बड़ी सौगात दी है. माता जानकी की जन्मस्थली सीतामढ़ी को भगवान श्रीराम की नगरी अयोध्या से जोड़ने वाले राम-जानकी पथ के एलाइनमेंट को मंजूरी दे दी गई है. यह ऐतिहासिक फोरलेन सड़क परियोजना धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है.

केंद्रीय सड़क एवं परिवहन राजमार्ग मंत्रालय की एलाइनमेंट अप्रूवल कमेटी ने हाल ही में इस मार्ग को आंशिक संशोधन के साथ हरी झंडी दी. मंत्रालय के सचिव वी उमाशंकर की अध्यक्षता में हुई बैठक में बिहार के पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह भी मौजूद थे.

6155 करोड़ रुपये आएगा लागत
राम-जानकी मार्ग उत्तर प्रदेश-बिहार बॉर्डर के समीप मेहरौना घाट से शुरू होगा और सीवान, सारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर होते हुए सीतामढ़ी के भिट्ठा मोड़ तक जाएगा. इस 240 किलोमीटर लंबी और 70 मीटर चौड़ी सड़क परियोजना पर कुल अनुमानित लागत करीब 6155 करोड़ रुपये आंकी गई है.

इन परियोजनाओं को भी मिली मंजूरी
फिलहाल, मेहरौना से सीवान (40 किमी) और सीवान से मशरख (52 किमी) तक के हिस्से का टेंडर जारी हो चुका है. अब मशरख से चकिया (48 किमी) और चकिया से भिट्ठा मोड़ (103 किमी) के एलाइनमेंट को भी मंजूरी मिल गई है. जल्द ही जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी और इसके बाद टेंडर प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा.

विशेष बात यह है कि अब सीतामढ़ी बाईपास को इस तरह से डिजाइन किया जाएगा कि पुनौराधाम सीधे मुख्य सड़क से जुड़ जाएगा, जिससे श्रद्धालुओं को सीधा लाभ मिलेगा.

इस परियोजना से धार्मिक और सांस्कृतिक रिश्ता होगा मजबूत
राज्य सरकार और केंद्र मिलकर इस परियोजना को प्राथमिकता दे रहे हैं ताकि इसी साल से काम शुरू हो सके और ढाई से तीन वर्षों में राम-जानकी पथ पूरी तरह बनकर तैयार हो जाए. इस सड़क से अयोध्या और सीतामढ़ी के बीच का धार्मिक व सांस्कृतिक रिश्ता और मजबूत होगा, साथ ही क्षेत्रीय विकास को भी नई रफ्तार मिलेगी.

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