भाजपा के राजा इकबाल सिंह बने दिल्ली के मेयर
133 मतों से जीते, कांग्रेस के खाते में महज आठ वोट

दिल्ली का मेयर बनने के बाद यूजर्स चार्ज खत्म करने का ऐलान
नई दिल्ली : भाजपा के वरिष्ठ पार्षद व निवर्तमान नेता राजा इकबाल सिंह दिल्ली के नए मेयर चुने गए हैं। उन्होंने एकतरफा मुकाबले में कांग्रेस के मनदीप सिंह को 125 वोट से हराया। चुनाव में 142 सदस्यों ने हिस्सा लिया, जिनमें से वैध पाए गए 141 वोटों में से राजा को 133 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के मनदीप सिंह को आठ वोट मिले। एक वोट अवैध करार दिया गया, यह वोट भाजपा सदस्य का बताया जा रहा है, क्योंकि कांग्रेस को अपने सदस्यों की संख्या के बराबर आठ वोट प्राप्त हुए है।
भाजपा के ही जयभगवान यादव निर्विरोध डिप्टी मेयर चुने गए। चुनाव में 120 सदस्यों ने भाग नहीं लिया। इनमें आम आदमी पार्टी के तीनों राज्यसभा सांसद, विधानसभा से एमसीडी मनोनीत तीन विधायक व 113 पार्षद और भाजपा के सांसद मनोज तिवारी शामिल है। एमसीडी सदन में भाजपा के 135 सदस्य है, लेकिन उसके उम्मीदवार को 133 वोट ही मिले। दरअसल मनोज तिवारी मतदान करने नहीं आए और उसके एक सदस्य का वोट रद्द हो गया।
दिल्ली नगर-निगम के नए मेयर राजा इकबाल सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा, पार्टी का शीर्ष नेतृत्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और सभी निगम पार्षदों, विधायकों, सांसदों को धन्यवाद करता हूं. आज मुझे सेवा करने का मौका मिला. पिछले ढाई साल में निगम में आम आदमी पार्टी (आप) के नेतृत्व में जो बदहाली हुई थी, हम कोशिश करेंगे कि तीन महीने के अंदर उसमें सुधार करके जनता को दिखाएं.
मेयर की प्राथमिकताएं?
उन्होंने कहा, दिल्ली में सफाई, कूड़े का पहाड़ हटाना, आगामी मानसून से पहले जलभराव की समस्या को हल करना प्राथमिकता होगी. इन क्षेत्रों में दिल्ली सरकार के साथ काम करके कोशिश करेंगे कि जनता को किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं हो. पिछले ढाई साल से पार्कों की हालत खराब है, हमारी कोशिश रहेगी कि वे हरे-भरे हों. दिल्ली को हम हरियाली की तरफ लेकर जाएंगे. निगम के अंदर भ्रष्टाचार को खत्म करेंगे.
उधर, आम आदमी पार्टी ने कल तक सत्ता में रहने के बावजूद मेयर व डिप्टी मेयर चुनाव में अपने उम्मीदवार मैदान में नहीं उतारे थे। इसके अलावा उसने इन पदों के चुनाव का बहिष्कार करने का भी ऐलान किया था। एमसीडी के इतिहास में यह पहला अवसर था जब सत्तारूढ़ दल ने मेयर व डिप्टी मेयर पद के चुनाव में हिस्सा नहीं लिया। उसके चुनाव में नहीं उतरने की स्थिति में कांग्रेस ने इन दोनों पदों के लिए उम्मीदवार मैदान में उतार दिए। इस सदन में इससे पहले हुए मेयर के तीन चुनाव में उम्मीदवार नहीं उतारे थे। मेयर चुनाव में 10 सांसदों, 14 विधायकों और 238 पार्षदों को मतदान का अधिकार था। एमसीडी में 12 वार्ड रिक्त है।