ट्रेन, हादसों को रोकने रेलवे का मास्टर प्लान, सुरक्षा कवच बनेगी दीवार
200 करोड़ की लागत से बन रही है दीवार
कानपुर: कानपुर से टूंडला के मध्य 200 करोड़ की लागत से दीवार निर्माण स्वीकृत कर दिया गया है. यह कार्य सेक्शन वाइज कराया जा रहा है. नई दिल्ली से लेकर मुगलसराय तक यह दो तरफा दीवार बनाने का प्लान बनाया गया है. इसको लेकर बजट का भी निर्धारण कर दिया गया है. बजट निर्धारण के बाद दो तरफा दीवार निर्माण का कार्य शुरू कर दिया गया है. उत्तर प्रदेश में दिल्ली-हावडा रेल मार्ग पर यह दो तरफा दीवार रेलवे लाइन के किनारे बन रही है. दरअसल, मोटर बाइक सवारों और मवेशियों की रेलवे लाइन पर इंट्री से होने वाले हादसों को रोकने के लिए दो तरफा दीवार बनाने का काम शुरू है.
देश के सबसे अहम दिल्ली-हावड़ा रेलवे ट्रैक को सुरक्षित करने के लिए रेल मंत्रालय दो तरफा दीवार बनाने में जुट गया है. रेलवे लाइन के दोनों ओर आरसीसी दीवार होगी. इसके लिए निर्माण कार्य शुरू है. रेलवे ट्रैक के दोनों ओर 1.80 मीटर ऊंचाई वाली आरसीसी दीवार बन रही है. इसके अलावा नियत दूरी पर सावा फीट वर्गाकार पिलर भी बनाया जा रहा है.
पिलर में छह इंच मोटी आरसीसी प्लेट भी लगाया जाएगा. दीवार के निर्माण के बाद ना सिर्फ हादसों पर विराम लगेगा बल्कि रेल गाडियों की स्पीड 150 किलोमीटर प्रति घंटा तक करने में रेल मंत्रालय कामयाब हो जाएगा.
ट्रेनाें की बढ़ जाएगी स्पीड
रेल मार्ग पर आए दिन जानवरों और बाइक सवारों के हादसों से ट्रेनों के परिचालन प्रभावित होने को लेकर कानपुर से टूंडला रेलवे स्टेशन के मध्य 200 करोड़ से रेलवे ट्रैक के दोनों ओर बाउंड्रीवाल का निर्माण शुरू कराने का आदेश रेलवे प्रशासन ने दिया है. इससे ट्रेनों का परिचालन सुरक्षित और सुगम हो जाएगा. फिलहाल 100 से 130 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से यात्री ट्रेनें दौड़ रहीं है. निकट भविष्य में तेजस, हमसफर, शताब्दी, राजधानी सहित अन्य कई महत्वपूर्ण ट्रेनों की स्पीड 150 किमी प्रति घंटा किए जाने को लेकर ट्रैक पर ट्रायल जारी है. इसमें बड़ी दिक्कत ट्रैक का खुला होना माना जा रहा है.
रेलवे के इस फैसले का लोगों ने किया स्वागत
रेल मंत्रालय ने रेल पटरी के किनारे दो तरफा दीवार बनाने का जो निर्णय लिया है वह काबिले तारीफ है. इस दीवार बन जाने का हरहाल में फायदा ही होगा. वहीं रेलवे में कार्यरत गेटमैन चंद्रकांत बताते हैं कि रेल पटरी के दोनों ओर बनाई जा रही दीवार से रेल पटरी पर होने वाले हादसे ना केवल रुकेंगे बल्कि रेलगाड़ियों का संचालन भी सुचारू रूप से संपन्न हो सकेगा.