नस्ल मायने नहीं रखती

वाशिंगटन :अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप का कहना है कि उनके लिए किसी की नस्ल मायने नहीं रखती, लेकिन कमला हैरिस ने जरूरत के हिसाब से अपनी नस्ल का खुलासा किया है और यह भारतीयों के साथ-साथ अश्वेत लोगों का अपमान है। ट्रंप ने यह भी कहा कि इस बारे में हैरिस से सवाल किए जाने चाहिए, क्योंकि यह उनके लिए काफी मायने रखता है।

कमला हैरिस ने मंगलवार को डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की आधिकारिक उम्मीदवारी हासिल कर ली। इसी के साथ वह देश की एक बड़ी राजनीतिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति चुनाव का टिकट पाने वाली पहली भारतीय-अफ्रीकी महिला बन गई हैं। हैरिस (59) का मुकाबला अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ है।

ट्रंप ने क्या कहा?
कमला हैरिस ने हाल ही में खुलासा किया था कि उनके पिता जमैकन-अमेरिकी हैं और वह ऐतिहासिक रूप से अश्वेत कॉलेज में गई थीं। इस बारे में ट्रंप से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, “आपको उनसे यह सवाल पूछना होगा क्योंकि उन्होंने ही यह कहा है। मैंने यह नहीं कहा…लेकिन मैं उन्हें लंबे समय से जानता हूं, मैंने वास्तव में बहुत पहले उनके अभियान में योगदान दिया था। मैं एक डेवलपर था, मैंने डेमोक्रेट और रिपब्लिकन के कई अभियानों में योगदान दिया। कुछ उदारवादी थे, कुछ रूढ़िवादी थे, लेकिन आपको उनसे इस बारे में पूछना होगा। मेरे लिए, यह मायने नहीं रखता। लेकिन उनके दृष्टिकोण से, मुझे लगता है कि यह वास्तव में दोनों के लिए बहुत अपमानजनक है। चाहे वह भारतीय हों या अश्वेत, मुझे लगता है कि यह दोनों के लिए बहुत अपमानजनक है। मेरे लिए, यह मायने नहीं रखता।”

पहली भारतीय-अमेरिकी राष्ट्रपति उम्मीदवार हैं कमला
कमला हैरिस अमेरिका की प्रमुख राजनीतिक पार्टी (डेमोक्रेटिक) की ओर से राष्ट्रपति पद का टिकट हासिल करने वाली पहली भारतीय-अफ्रीकी महिला हैं। वह रिपब्लिकन या डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनने वाली पहली भारतीय-अमेरिकी भी हैं। कमला हैरिस का जन्म कैलिफोर्निया के ओकलैंड में 20 अक्टूबर 1964 को श्यामला गोपालन और डोनाल्ड हैरिस के घर हुआ था। गोपालन 19 वर्ष की आयु में भारत से अमेरिका आ गई थीं। वह स्तन कैंसर वैज्ञानिक थीं, जबकि डोनाल्ड हैरिस स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में प्रोफेसर थे। डोनाल्ड मूल रूप से जमैका से थे। कमला हैरिस ने 2010 में सरकारी अटॉर्नी जनरल बनने से पहले बे एरिया में एक अभियोजक के रूप में काम किया और वह 2016 में सीनेटर चुनी गईं।

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