महंगे प्रीमियम से परेशान, हेल्थ पॉलिसी बंद करा रहे हैं लोग!
अस्पताल और इलाज के खर्चों से आसानी से निपटने के लिए लोग हेल्थ पॉलिसी लेते हैं, लेकिन इस बीच एक रिपोर्ट चौंकाने वाली आई है. लोग अपनी हेल्थ पॉलिसी को रिन्यू नहीं कर रहे हैं . कुछ या तो पूरा प्रीमियम नहीं भर रहे है तो कुछ लोग कम कवर वाले प्लान में खुद को ट्रांसफर कर रहे हैं.

अस्पताल और इलाज के खर्चों से आसानी से निपटने के लिए लोग हेल्थ पॉलिसी लेते हैं, लेकिन इस बीच एक रिपोर्ट चौंकाने वाली आई है. लोग अपनी हेल्थ पॉलिसी को रिन्यू नहीं कर रहे हैं . कुछ या तो पूरा प्रीमियम नहीं भर रहे है तो कुछ लोग कम कवर वाले प्लान में खुद को ट्रांसफर कर रहे हैं. स्थिति ये है कि हेल्थ पॉलिसी के बढ़ते प्रीमियम की वजह से लोग अपना बीमा बंद करवा रहे हैं.
क्यों बढ़ रहा है प्रीमियम
हेल्थ इंश्योरेंस की प्रीमियम बढ़ने के पीछे बीमा कंपनियों का कहना है कि क्लेम रेश्यो बिगड़ने की वजह से ऐसा हो रहा है. बता दें कि क्लेम रेश्यो का मतलब है कि जितना प्रीमियम इकट्ठा हुआ, उसमें से कितने का क्लेम किया गया. यानी अगर क्लेम ज्यादा आने लगे तो कंपनियां प्रीमियम बढ़ा रही है. आम तौर पर इंश्योरेंस कंपनियां तीन साल पर मेडिल महंगाई देखते हुए प्रीमियम बढ़ा देती है. मेडिकल महंगाई का मतलब इलाज के खर्च से है. वहीं पॉलिसी होल्डर के उम्र को देखते हुए भी प्रीमियम बढ़ा दी जाती है. कंपनियों की दलील है कि हेल्थ पॉलिसी का प्रीमियम हरह साल एक जैसा नहीं रहता है. अलग-अलग परिस्थितियों की वजह से प्रीमियम बढ़ जाते हैं. पॉलिसीबाजार की रिपोर्ट के मुताबिक बढ़ते प्रीमियम, लोगों के खर्च कम करने और मेडिकल महंगाई से निपटने के लिए बीमा कंपनियों के प्लान और हेल्थ इंश्योरेंस सेक्टर में बदलाव देखने को मिल रहा है.
कितमा महंगा हुआ हेल्थ प्लान
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक अगर बीते 10 सालों की बात करें तो 52% पॉलिसीहोल्डर्स के प्रीमियम में सालाना 5-10% की बढ़ोतरी हुई है. नहीं 38% पॉलिसी होल्डर्स की सालाना बढ़ोतरी 10-15% रही. जबकि 3% लोगों का प्रीमियम सालाना 15-30% की स्पीड से बढ़ा. जाहिर है कि प्रीमियम में अचानक इतनी बढ़ोतरी होने से कुछ लोगों ने हेल्थ प्लान से मुंह मोड़ लिया. बीमा कंपनियों की दलील है कि उन्हें मेडिकल महंगाई को भी देखना होगा, जो साल दर साल 14 फीसदी की रफ्तार से बढ़ रहा है. उस मुकाबले हेल्थ प्लान के प्रीमियम कम हैं.