अब तक कहां कहां रही है पोस्टिंग?

आईएएस भानु चंद्र गोस्वामी: आईएएस भानु चंद्र गोस्वामी इस समय आगर के डीएम हैं. 2023 में उन्हें यह पदभार सौंपा गया था. गोस्वामी उत्तर प्रदेश कैडर के 2010 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. उनका जन्म 20 अगस्त 1984 को झारखंड के रांची शहर में हुआ था. उनके पिता हरिश्चंद्र गोस्वामी बिहार/झारखंड सरकार में श्रम अधीक्षक के पद पर कार्यरत थे. उनके दादा राम नवल गोस्वामी हेवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन (एचईसी) रांची में पोस्टेड थे.

परिवार की बात करें तो आईएएस भानु चंद्र गोस्वामी की पत्नी का नाम मेघा गोस्वामी है. भानु चंद्र गोस्वामी के परिवार में ज्यादातर लोग ऊंचे पदों पर रहे हैं. उनके सगे चाचा केशव चंद्र गोस्वामी हैं, जो उत्तर प्रदेश के लखनऊ में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हैं.

आईएएस भानु चन्द्र गोस्वामी की शुरुआती पढ़ाई हजारीबाग (झारखंड) के सरस्वती शिशु मंदिर और सरस्वती विद्या मंदिर में शुरू हुई. उसके बाद आईएएस भानु चंद्र गोस्वामी ने सेंट कोलंबस कॉलेज हजारीबाग से संस्कृत (ऑनर्स) में ग्रेजुएशन की डिग्री फर्स्ट डिवीजन के साथ ली. इसके बाद वे प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए इलाहाबाद (प्रयागराज) आ गए और एक साल इलाहाबाद (प्रयागराज) में बिताया.

अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद वह सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली चले गए. वहां भानु चंद्र गोस्वामी 2009 के बैच में 33वां स्थान हासिल करके “भारतीय प्रशासनिक सेवा” (IAS) के लिए चुने गए. आईएएस बनने के बाद, वह उत्तर प्रदेश कैडर में आ गए और उन्हें आगरा में पहली पोस्टिंग मिली. भानु चंद्र गोस्वामी ने प्रीलिम्स परीक्षा में ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में साइकोलॉजी और मेन्स में ऑप्शनल सब्जेक्ट के रूप में साइकोलॉजी और संस्कृत को चुना.

पहले के कार्यकाल: आगरा, वाराणसी, श्रावस्ती, लखनऊ, जौनपुर, प्रयागराज में भी काम कर चुके हैं.

आगरा में योगदान

ताजमहल की सुरक्षा: गोस्वामी ने ताजमहल की सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने पर फोकस किया है. उन्होंने स्मारक के आसपास ड्रोन निगरानी, ​​एफएसआई सुरक्षाकर्मियों की तैनाती और पर्यटकों के लिए बेहतर सुविधाओं की शुरुआत की है.

पर्यटन को बढ़ावा: उन्होंने पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई पहल की हैं, जैसे कि “ताज महोत्सव” का आयोजन, स्मारक के आसपास बेहतर रोशनी और सड़कों का निर्माण, और पर्यटकों के लिए एक मोबाइल ऐप लॉन्च करना.

शिक्षा में सुधार: उन्होंने शिक्षा में सुधार के लिए भी काम किया है, सरकारी स्कूलों में बुनियादी ढांचे में सुधार किया है और टीचर्स की ट्रेनिंग पर फोकस किया है.

 

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