नया सिद्धांत दे रहा विज्ञान की मान्यताओं को चुनौती !
बिग बंग से पहले ब्रह्माण्ड : बिग बैंग सिद्धांत हमारे ब्रह्मांड की उत्पत्ति को समझाने का मानक सिद्धांत है. लेकिन एक नई रिसर्च कहती है कि बिग बैंग से पहले भी ब्रह्मांड का अस्तित्व था.
विज्ञान न्यूज़ : ब्रह्मांड की उत्पत्ति बिग बैंग के साथ नहीं हुई! खगोल विज्ञान का एक नया सिद्धांत यही कह रहा है. नई थ्योरी के मुताबिक, ब्रह्मांड संकुचन (कॉन्ट्रैक्शन) और विस्तार (एक्सपेंशन) के चरणों के बीच ‘उछल’ सकता है. अगर यह सिद्धांत सही है तो ब्रह्मांड से जुड़ी हमारी समझ पर गहरा प्रभाव पड़ेगा. साथ ही साथ इससे ब्रह्मांड के दो सबसे रहस्यमयी अंगों- डार्क मैटर और डार्क एनर्जी की गुत्थी भी सुलझ सकती है.
हालिया स्टडी कहती है कि डार्क मैटर उन ब्लैक होल्स से बना है जो ब्रह्मांड के आखिरी संकुचन से लेकर वर्तमान विस्तार चरण तक के ट्रांजिशन के समय बने थे. यह ट्रांजिशन बिग बैंग से पहले हुआ था. अगर यह हाइपोथीसिस सही है तो ब्लैक होल निर्माण के दौरान पैदा हुईं गुरुत्वाकर्षण तरंगों का पता भविष्य की गुरुत्वाकर्षण तरंग ऑब्जर्वेटरी से लगाया जा सकता है. इससे डार्क मैटर के बनने की स्थितियों की पुष्टि करने का एक तरीका मिल सकता है.
बिग बैंग सिद्धांत क्या है?
ब्रह्मांड की शुरुआत कैसे हुई, इसे समझाने के लिए वैज्ञानिकों ने कई सिद्धांत दिए हैं. इनमें सबसे प्रमुख और स्वीकार्य है बिग बैंग सिद्धांत. सबसे पहले, जॉर्ज लेमैत्रे ने बिग बैंग सिद्धांत की अवधारणा सामने रखी थी. बिग बैंग सिद्धांत कहता है कि ब्रह्मांड की शुरुआत एक असीम रूप से गर्म और घने एकल बिंदु (सिंगुलैरिटी) से हुई थी. बिग बैंग के साथ बेहद अकल्पनीय गति से ब्रह्मांड ने फैलना शुरू किया और अगले 13.7 अरब वर्षों में फैलते-फैलते यह वर्तमान रूप तक आ पहुंचा है. आधुनिक खोजें बताती हैं कि ब्रह्मांड का लगातार विस्तार हो रहा है और इसके फैलने की गति बढ़ती चली जा रही है.
आदिम ब्लैक होल से बना डार्क मैटर
अभी तक के ऑब्जर्वेशन बताते हैं कि ब्रह्मांड का करीब 80% पदार्थ डार्क मैटर है. यह प्रकाश से प्रतिक्रिया नहीं करता इसलिए नजर नहीं आता. इतने व्यापक स्तर पर मौजूदगी के बावजूद वैज्ञानिक अब तक यह नहीं पता लगा सके हैं कि डार्क मैटर किससे बना है. नई स्टडी में, रिसर्चर्स ने उस आइडिया पर काम किया कि डार्क मैटर में आदिम ब्लैक होल शामिल हैं जो ब्रह्मांड के आखिरी संकुचन चरण के दौरान पैदा हुए थे. रिसर्च के नतीजे जून में जर्नल ऑफ कॉस्मोलॉजी एंड एस्ट्रोपार्टिकल फिजिक्स में छपे थे.
ब्रह्मांड की उत्पत्ति से जुड़ा नया सिद्धांत
ब्रह्मांड का परंपरागत सिद्धांत (बिग बैंग) कहता है कि यह एक सिंगुलैरिटी से शुरू हुआ, इसके बाद बेहद कम समय में ब्रह्मांड बहुत अधिक तेजी से फैला. नई स्टडी के लेखकों ने एक क्रांतिकारी विचार को आगे बढ़ाया है. इसमें यह माना जाता है कि ब्रह्मांड पहले संकुचन के दौर से गुजरा था. पदार्थ के बढ़ते घनत्व के कारण यह चरण पलटाव के साथ खत्म हुआ, जिसका नतीजा बिग बैंग के रूप में सामने आया.
इस सिद्धांत के अनुसार, ब्रह्मांड आज की तुलना में लगभग 50 ऑर्डर्स ऑफ मैग्नीट्यूड छोटा हो गया. पलटाव के बाद, फोटॉन और अन्य कण पैदा हुए, यानी बिग बैंग हुआ. पलटाव के निकट, पदार्थ का घनत्व इतना अधिक था कि पदार्थ के घनत्व में क्वांटम उतार-चढ़ाव से छोटे ब्लैक होल बन गए. वैज्ञानिकों की गणना बताती है कि इस ब्रह्मांड के गुण, जैसे अंतरिक्ष की वक्रता और माइक्रोवेव पृष्ठभूमि, अभी के ऑब्जर्वेशन से मेल खाते हैं, जो उनकी हाइपोथीसिस को सपोर्ट करती है.