लखनऊ: पहलगाम हमले का मुस्लिम धर्म गुरुओं ने विरोध किया
देवकी नंदन ठाकुर ने कहा - आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब देने का अब समय आ गया

लखनऊ: जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में कई बेगुनाह पर्यटक मारे गए हैं। इस हमले के बाद मोदी सरकार पूरी तरह से अलर्ट हो गई है। बैठकों का दौर जारी है। उधर दूसरी ओर इस हमले के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर आतंकवाद के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। साथ ही चाहे हिंदू धर्म गुरु हो या फिर मुस्लिम धर्मगुरु सभी एक आवाज से आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब देने की मांग कर रहे हैं।
मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने कहा कि हम हमले में घायल हुए लोगों के जल्द स्वस्थ होने की दुआ करते हैं। इस दौरान मौलाना ने जम्मू-कश्मीर की जनता से अमन और शांति बनाए रखने की अपील की है। साथ ही आतंकवाद का हमेशा के लिए खात्मा करे। मौलाना ने कहा कि पहलगाम घूमने गए टूरिस्टों की सुरक्षा का भी ख्याल रखे। इस हमले के आतंकवादियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।
मौलाना शहाबुद्दीन रिजवी ने कहा कि यह हमला कायराना है। मौलाना ने दावे के साथ कहा कि इस घटना के पीछे पाकिस्तान का हाथ है। पाकिस्तान में आतंकियों को संरक्षण दिया जाता है। पाकिस्तान भारत के साथ आये दिन शरारत करता है और इस तरह की घटना को अंजाम दिया जाता है। उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि इस घटना को UNO में उठाये। ताकि पाकिस्तान का चेहरा बेनकाब हो सकें। साथ ही मौलाना ने कहा कि वो दिन भी बहुत जल्द आने वाला है कि जिस कश्मीर के हिस्से पर पाकिस्तान का कब्जा है वहां तिरंगा झंडा लहराएगा।
हिंदू महासभा के प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी ने कहा कि एक बार फिर से आतंकवाद का धर्म सामने आ गया है। धर्म पूछकर इस्लामिक आतंकवादियों ने हिंदू भाइयों का कत्लेआम किया है। शिशिर चतुर्वेदी ने कहा कि आतंकियों का कड़ाई के साथ इलाज जरूरी है।
वहीं मथुरा में कथा वाचक देवकी नंदन ठाकुर ने कहा कि कब तक हम लोग यह सबकुछ आराम से बर्दाश्त करते रहेंगे। 28 लोग भाईचारे की भेंट और चढ़ गए हैं। कश्मीर में हमारे सनातनी भाई लोग घूमने गए थे। देवकी नंदन ने कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता है, लेकिन पता नहीं वो लोग ऐसी बाते कैसे कह लेते हैं। धर्म पूछकर गोलियां चलाई गई है। आतंकवादियों ने जाति नहीं पूछा था बल्कि धर्म पूछा गया था।
उन्होंने कहा कि इसका मतलब है कि जो इस्लाम ने नहीं होगा उसे मार दिया जाएगा। कथा वाचक ने कहा कि इन आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब देने का अब समय आ गया है। जो गोली की भाषा समझते हैं उन्हें गोली की भाषा समझाएं। इस आतंकवाद को बहुत सह लिया है लेकिन अब नहीं सहेंगे। क्योंकि अब हद से ज्यादा हो रहा है।