अफ्रीका के बाहर यूरोप तक फैला एमपॉक्स

स्वीडन : विश्व स्वास्थ्य संगठन ने एमपॉक्स के बढ़ते खतरे को लेकर आगाह किया था और अब अफ्रीका से बाहर स्वीडन में भी एमपॉक्स के पहले केस की पुष्टि हो गई है। एक दिन पहले ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दो साल में दूसरी बार इस बीमारी को ग्लोबल पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया था। स्वीडिश पब्लिक हेल्थ एजेंसी के महानिदेशक ओलिविया विगज़ेल ने एक प्रेस कान्फ्रेंस में कहा कि संक्रमित व्यक्ति अफ्रीका के एक हिस्से में रहने के दौरान वायरस की चपेट में आया, जहां यह बीमारी बड़े पैमाने पर फैली हुई है। स्वीडन के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा, ‘इस बात की पुष्टि हुई कि स्वीडन में अधिक गंभीर प्रकार के एमपॉक्स का एक मामला है, जिसे क्लैड-I कहा जाता है।’

तेजी से फैल रहा है एमपॉक्स
एमपॉक्स कांगो सहित 13 अफ्रीकी देशों में तेजी से फैल रहा है। अब तक इस बीमारी से 524 लोगों की मौत हो चुकी है। WHO के महानिदेशक टेड्रोस एडनॉम घेब्रेयसस ने एमपॉक्स के बढ़ने पर आईएचआर आपातकालीन समिति की बैठक के बाद मीडिया ब्रीफिंग की थी। उन्होंने कहा था कि तीन वर्षों में यह दूसरी बार है जब एमपॉक्स आपातकालीन स्थिति में पहुंच गया है, WHO अफ्रीका में एमपॉक्स के प्रकोप पर काम कर रहा है।

लगातार बढ़ा है प्रकोप
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक ने कहा था कि WHO आने वाले दिनों और सप्ताहों में वैश्विक प्रतिक्रिया का समन्वय करने, प्रत्येक प्रभावित देश के साथ मिलकर काम करने, संक्रमण को रोकने, संक्रमित लोगों का इलाज करने और जीवन बचाने के लिए प्रतिबद्ध है। कांगो में एक दशक से अधिक समय से एमपॉक्स के मामले सामने आ रहे हैं और हर साल रिपोर्ट किए जाने वाले मामलों की संख्या में लगातार वृद्धि हुई है। पिछले साल, रिपोर्ट किए गए मामलों में काफी वृद्धि हुई थी और इस साल अब तक रिपोर्ट किए गए मामलों की संख्या पिछले साल की कुल संख्या से अधिक हो गई है, जिसमें 14,000 से अधिक मामले और 524 मौतें शामिल हैं।

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