मॉडर्न लाइफस्टाइल ने बढ़ाया यूथ का मेंटल स्ट्रेस

आज की तेज-रफ्तार जिंदगी और मॉडर्न लाइफस्टाइल ने युवाओं के जीवन में मानसिक तनाव को तेजी से बढ़ा दिया है. किशोर और युवा वर्ग सोशल मीडिया में खुद की पहचान बनाने के चक्कर में मानसिक संघर्ष से जूझ रहे हैं.

आज की तेज-रफ्तार जिंदगी और मॉडर्न लाइफस्टाइल ने युवाओं के जीवन में मानसिक तनाव को तेजी से बढ़ा दिया है. किशोर और युवा वर्ग स्कूल और कॉलेज के दबाव, सोशल मीडिया की बढ़ती मांग और समाज में खुद की पहचान बनाने के चक्कर में मानसिक संघर्ष से जूझ रहे हैं. माता-पिता के लिए यह बेहद जरूरी है कि वे इन चुनौतियों को समझें और अपने बच्चों को इस तनाव से बाहर निकलने में मदद करें.

जगन्नाथ यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर डॉ. पारुल मल्होत्रा ने कुछ जरूरी बातें बताई जा रही हैं, जिन्हें हर पैरेंट्स को ध्यान में रखना चाहिए.

1. ओपन कम्युनिकेशन की आदत डालें
अपने बच्चों के साथ खुली और ईमानदार बातचीत करें. उन्हें यह महसूस कराएं कि आप उनके साथ हैं और वे आपसे कुछ भी शेयर कर सकते हैं. बच्चों की बातें सुनने में धैर्य रखें और तुरंत सलाह या फैसले न सुनाएं. एक जजमेंट-फ्री जोन बनाएं जहां वे अपनी भावनाओं को खुलकर व्यक्त कर सकें.

2. सपोर्टिव वातावरण तैयार करें
घर में एक सपोर्टिव और समझदारी भरा माहौल बनाएं, जहां आपका बच्चा इमोशन रूप से सुरक्षित महसूस करे. क्रिटिकल कमेंट्स से बचें और उनकी छोटी-छोटी उपलब्धियों पर भी उन्हें प्रोत्साहित करें ताकि वे आत्मविश्वास महसूस करें.

3. तनाव को कम करने में मदद करें
आजकल बच्चे पढ़ाई और एक्स्ट्रा-कैरिकुलर एक्टिविटीज में उलझे रहते हैं. माता-पिता का कर्तव्य है कि वे इस दबाव को कम करने में मदद करें. उन्हें एक स्वस्थ संतुलन बनाने के लिए प्रेरित करें ताकि वे पढ़ाई के साथ-साथ अपने दोस्तों और मनोरंजन के लिए भी समय निकाल सकें.

4. स्क्रीन टाइम को सीमित करें
सोशल मीडिया और टेक्नोलॉजी का ज्यादा उपयोग भी मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकता है. स्क्रीन टाइम को सीमित करें और बच्चों को फेस-टू-फेस इंटरैक्शन के लिए प्रेरित करें. उन्हें असल दुनिया में लोगों से मिलने-जुलने और समय बिताने के लिए प्रेरित करें.

5. प्रोफेशनल मदद लेने में झिझक न करें
अगर आपको लगे कि आपके बच्चे में किसी मानसिक समस्या के लक्षण दिख रहे हैं, तो बिना देर किए प्रोफेशनल काउंसलर या साइकॉलजिस्ट से मदद लें. सही समय पर की गई मदद बच्चे के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बना सकती है और उनके भविष्य के लिए एक मजबूत आधार तैयार कर सकती है.

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