रंगभरी एकादशी पर इन आसान उपायों से करें शिवजी और माता पार्वती को प्रसन्न
रंगभरी एकादशी पर अगर भगवान विष्णु के साथ साथ शिवजी और माता पर्वती की भी पूजा करें तो विशेष लाभ हो सकते हैं. आइए जानें इस दिन शिव जी और पार्वती जी को कैसे प्रसन्न करें.

वैसे तो एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है लेकिन एक मात्र ऐसी एकादशी है जिसमें शिवजी और माता पर्वती की भी पूजा की जाती है और उनका ध्यान कर व्रत का संकल्प किया जाता है. रंगभरी एकादशी के दिन विष्णु जी के साथ बाबा भोलेनाथ की पूरे विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है. इस साल 10 मार्च को रंगभरी एकादशी मनाया जाएगा. इस मान्यता है कि भगवान शिव ने जब देवी पार्वती से विवाह किया तब उसके बाद पहली बार वो काशी गए थे. आइए जानें इस रंगभरी एकादशी पर महादेव को कैसे प्रसन्न किया जाए.
शिवजी और पार्वती जी की साथ में पूजा करें
रंगभरी एकादशी पर भगवान शिव को प्रसन्न करने के कई आसान उपाय हैं. उनमें से एक बहुत शानदार उपाय ये है कि इस दिन भक्तों भगवान शिव की विशेष पूजा अर्चना करें. शादीशुदा जीवन में खुशहाली चाहिए तो रंगभरी एकादशी पर शिवजी और पार्वती जी की सच्चे मन से पूजा करें. इससे भगवान प्रसन्न होकर आशीर्वाद देते हैं.
रुद्राभिषेक करें
रंगभरी एकादशी पर रुद्राभिषेक करने से महादेव अति प्रसन्न होते हैं. अगर इसके साथ “ॐ नमः शिवाय” मंत्र का जा 108 बार या 1008 बार करें तो भगवान की विशेष कृपा बरसती है. भगवान शिव को प्रसन्न करने का यह एकदम अचूक और आसान तरीका है.
शिवलिंग की पूजा करें
रंगभरी एकादशी पर भगवान शिव के शिवलिंग स्वरूप का अभिषेक करें. ध्यान दें कि गाय के दूध, शहद, घी, गंगाजल को एक साथ मिलाकर शिवलिंग पर अर्पित करें. इससे शिव जी प्रसन्न होंगे और सुखी जीवन का आशीर्वाद देंगे. पूजा में भगवान को फूल, बेल पत्र व नैवेद्य जरूर अर्पित करें.
रंग-बिरंगे फूल करें अर्पित
रंगभरी एकादशी पर रंगों का विशेष महत्व होता है. ऐसे में अगर इस तिथि पर भगवान शिव की पूजा कर रहे हैं तो रंगीन फूलों को जरूर पूजा सामग्री में रखें. गुलाब, चंपा या चमेली जैसे रंगीन फूलों को अगर शिवलिंग पर अर्पित करें तो भगवान शिव प्रसन्न होकर कृपा करेंगे.
शिव कथा करना और सुनना
रंगभरी एकादशी पर शिव जी की पूजा के समय अगर भगवान शिव की कथा सुने सुनाएं तो बहुत लाभ होगा. शिव महापुराण या अन्य शिव कथाओं का भगवान के सामने बैठकर पाठ करने से भगवान शिव अति प्रसन्न होते हैं. अगर शिव-पार्वती विवाह की कथा करें तो शिव जी के साथ साथ माता पार्वती भी बहुत प्रसन्न होती है और साधक को अच्छे वैवाहिक जीवन गुजारने का आशीर्वाद देते हैं.