इज़रायल के हमले में कई आतंकवादी मारे गए

काहिरा: इजरायली सेना शनिवार को उत्तरी गाजा के एक अस्पताल परिसर से वापस लौट गई है। एक दिन पहले ही उसने इस अस्पताल को निशाना बनाकर हमला किया था। फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि सैनिकों ने करीब दर्जनों पुरुष मेडिकल स्टाफ और कुछ रोगियों को हिरासत में लिया है। बाद में फिलिस्तीनी आधिकारिक समाचार एजेंसी WAFA ने कहा कि उत्तरी गाजा के बेत लाहिया में कई घरों पर इजरायली हमलों में कम से कम 30 लोग मारे गए। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से मरने वालों की संख्या की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई।

सटीक हथियारों से सटीक हमला
इज़रायली सेना ने कहा कि उसने गाजा पट्टी के बेत लाहिया इलाके में एक इमारत के भीतर हमास आतंकवादियों पर सटीक हथियारों का इस्तेमाल करते हुए एक सटीक हमला किया है। इस हमले में कई आतंकवादी मारे गए हैं। इजरायली सेना ने यह भी कहा कि मीडिया रिपोर्ट में जिस तरह हताहतों की बड़ी संख्या और इस्तेमाल किए गए हथियारों को लेकर खबरें बताई गई हैं वह हकीकत से मेल नहीं खाती है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि इज़रायली सेना ने कमाल अदवान अस्पताल पर हमला किया, जो इस क्षेत्र में काम करने के लिए संघर्ष कर रही तीन चिकित्सा सुविधाओं में से एक है।

हमले में कई इमारतों को नुकसान
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा प्रसारित फुटेज में इज़रायली सेना के वापस जाने के बाद कई इमारतों को हुए नुकसान को दिखाया गया है। अस्पताल के 70-सदस्यीय दल में से कम से कम 44 को सेना ने हिरासत में लिया था। बाद में कहा गया कि सेना ने उनमें से 14 को रिहा कर दिया था, जिसमें अस्पताल का निदेशक भी शामिल था।इज़रायली सैन्य प्रवक्ता ने अस्पताल की रिपोर्ट पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। शुक्रवार को इज़रायली सेना ने कहा कि उसने “आतंकवादियों और आतंकवादी बुनियादी ढांचे की मौजूदगी के बारे में” खुफिया जानकारी के आधार पर अस्पताल के इलाके में कार्रवाई की।

अस्पताल के आईसीयू में दो बच्चों की मौत
गाजा अस्पताल के डॉक्टरों ने बताया कि शुक्रवार को इजरायली गोलाबारी के साथ ही जनरेटर और ऑक्सीजन स्टेशन पर हमला होने के बाद आईसीयू के अंदर कम से कम दो बच्चों की मौत हो गई। चिकित्सा कर्मचारियों ने अस्पताल खाली करने या अपने मरीजों को अकेला छोड़ने के इजरायली सेना के आदेशों को मानने से इनकार कर दिया। डॉक्टरों ने बताया कि इजरायली सेना की रेड से पहलेअस्पताल में कम से कम 600 लोग थे, जिनमें मरीज और उनके तीमरदार शामिल थे। स्वास्थ्य मंत्रालय के मारवान अल-हम्स ने कहा, “कमल अदवान अस्पताल के अंदर बिना चिकित्सा कर्मचारियों और बहुत जरूरी दवाओं के छोड़े गए मरीजों की सुरक्षा और जीवन अब खतरे में है।”

 

 

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