पश्चिम बंगाल पुलिस की रिपोर्ट से खुली ममता सरकार की पोल

दंगाईयों ने सुरक्षाबलों पर हमला कर छीना गोला-बारूद!

हिंसा के मामले में अब तक कुल 315 गिरफ्तारियां

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस शुक्रवार को मालदा पहुंचे और मुर्शिदाबाद हिंसा के बाद प्रभावित क्षेत्रों से भागकर आए लोगों से मुलाकात की, जो वहां एक अस्थायी शरणार्थी शिविर में शरण लिए हुए हैं. राज्यपाल दौरा स्थगित करने के मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के अनुरोध को दरकिनार करते हुए शुक्रवार को मालदा पहुंचे. उन्होंने हिंसा पीड़ितों को आश्वासन दिया कि उनकी शिकायतों के समाधान के लिए सक्रिय कार्रवाई की जाएगी.

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि उपद्रवियों के पास घातक हथियार भी थे और उन्होंने ड्यूटी पर मौजूद पुलिसकर्मियों से हथियार और गोला-बारूद भी छीन लिए. पुलिस ने बताया है कि जिला खुफिया शाखा से सूचना मिली थी कि 11 अप्रैल को रघुनाथगंज थाना अंतर्गत उमरपुर, सुती थाना अंतर्गत सजुर मोड़ और समसेरगंज थाना अंतर्गत पुराने डुकबंगला मोड़ में जुमे की नमाज के बाद कुछ स्थानीय लोगों की ओर से आंदोलन की आशंका है.

रिपोर्ट में स्थानीय लोगों की संलिप्तता की ओर इशारा करने वाली यह बात काफी हद तक राज्य सरकार और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उन दावों को खारिज करती है, जिसमें उन्होंने कहा था कि मुर्शिदाबाद जिले के उन इलाकों में पिछले लगभग पूरे सप्ताह हुई सांप्रदायिक हिंसा के पीछे बाहरी लोग शामिल थे. साथ ही यह भी सवाल उठाता है कि क्या जिला खुफिया शाखा से मिली सूचनाओं को हल्के में लिया गया था.

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने वैष्णबनगर के परलालपुर हाईस्कूल स्थित शरणार्थी शिविर में शरण लिए बच्चों, महिलाओं और पुरुषों से बात की. उन्होंने शरण लिए लोगों से मुलाकात के बाद कहा, ‘‘मैंने यहां शिविर में रह रहे परिवार के सदस्यों से मुलाकात की. मैंने उनकी शिकायतें सुनीं और उनकी भावनाओं को समझा. राज्यपाल ने पीड़ित परिवारों को भरोसा दिलाया कि दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी. विस्थापित लोग मूल रूप से हिंसा प्रभावित मुर्शिदाबाद जिले के रहने वाले हैं, जो सुरक्षा की तलाश में पड़ोसी मालदा जिले में आए हैं.

रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंसा 8 अप्रैल 2025 को रघुनाथगंज थाने के अंतर्गत पीडब्ल्यूडी मैदान में वक्फ कानून के खिलाफ एक आंदोलन से शुरू हुई थी. उस दोपहर अचानक भीड़ बेकाबू हो गई और सरकारी तथा सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने लगी और पुलिसकर्मियों पर हमला किया गया.

विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने कहा है कि वह शनिवार (19 अप्रैल) को देशव्यापी प्रदर्शन कर मुर्शिदाबाद जिले में सांप्रदायिक हिंसा को लेकर पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग करेगी. वीएचपी ने कहा के अनुसार ये घटनाएं आतंकवादी कृत्य के बराबर है और इसलिए इनकी जांच एनआईए को सौंपी जानी चाहिए.

राज्य के अतिरिक्त महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) जावेद शमीम के अनुसार हिंसा भड़काने के लिए जिम्मेदार अन्य लोगों की पहचान करने और उन्हें पकड़ने के प्रयास जारी है. पोर्ट में यह भी उल्लेख किया गया कि दो नाबालिगों को छोड़कर गिरफ्तार किए गए किसी भी व्यक्ति को आज तक जमानत पर रिहा नहीं किया गया है.

मुर्शिदाबाद हिंसा मामले में अब तक कुल 315 गिरफ्तारियां की गई हैं, जिनमें दो नाबालिग भी शामिल हैं. पश्चिम बंगाल पुलिस ने कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक विशेष खंडपीठ के आदेश के तहत तैयार अपनी रिपोर्ट में इस बात की पुष्टि की है. पुलिस ने अब तक गलत सूचना और अफवाह फैलाने के लिए कुल 1,257 यूआरएल (यूनिफॉर्म रिसोर्स लोकेटर) को ब्लॉक किया है.

 

 

 

10.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button