लोकसभा चुनाव 2024ः समाजवादी पार्टी में टिकट बदलने का सिलसिला जारी

मनोज चौधरी का टिकट काटकर साहिबाबाद के अमरपाल शर्मा प्रत्याशी घोषित

बागपत% नामांकन प्रक्रिया समाप्ति की पूर्व संध्या पर सपा ने बागपत का टिकट बदल दिया। मनोज चौधरी का टिकट काटकर साहिबाबाद के पूर्व विधायक अमरपाल शर्मा को प्रत्याशी घोषित कर ब्राह्मण कार्ड खेला है।

13वें दिन प्रत्याशी के बदले जाने से सपा में मचा घमासान और तेज होने के आसार हैं।
सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक माह पहले मनोज चौधरी निवासी ककड़ीपुर को बागपत लोकसभा क्षेत्र का प्रभारी नियुक्त किया था। फिर उन्हें 20 मार्च को बागपत से लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी घोषित किया। उन्होंने चुनाव प्रचार शुरू किया हुआ था लेकिन उन्हें प्रत्याशी बनाने से सपा में घमासान मचा हुआ था।

पार्टी हाईकमान ने होल्ड कर दिया था टिकट
विरोधी खेमा नहीं चाहता था कि वे लोकसभा चुनाव लड़ें। पांच दिन पहले ही पूर्व विधायक अमरपाल शर्मा ने पुरा गांव में ब्राह्मणों की बैठक कर स्वयं को सपा का प्रत्याशी प्रचारित करना शुरू कर दिया। वहीं, विकास मलिक, जनमेजय त्यागी तथा विदुर कुमार ने भी सपा प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र खरीदे थे। पार्टी में मचे इस घमासान को शांत करने के लिए हाईकमान ने टिकट होल्ड कर दिया था।

मनोज चौधरी और अमरपाल शर्मा के अलावा तीसरे खेमे के सपा नेता भी लखनऊ में डेरा डाले थे। सपा सूत्रों ने बताया कि टिकट कटवाने और पाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाते रहे। बुधवार को दिनभर ये सपा नेता लखनऊ में समर्थकों संग पार्टी मुख्यालय पर डेरा डाले रहे। शाम पांच बजे पार्टी हाईकमान ने उनसे चंद मिनट के लिए बात कर प्रत्याशी बदलकर ब्राह्मण कार्ड खेला है।

टिकट कटने से उलटफेर के आसार
सूत्रों ने बताया कि सपा हाईकमान ने टिकट काटते समय मनोज चौधरी को समझाते हुए कहा कि उन्हें आगे विधानसभा का चुनाव लड़ाएंगे। वहीं, इस उलटफेर से अब सपा में और घमासान मचने के आसार हैं। उन कई जाटों में नाराजगी हो सकती है जो सपा से जुड़े हैं।

सपा के जिलाध्यक्ष रविंद्र देव ने फोन पर बताया कि पार्टी हाईकमान ने मनोज चौधरी की जगह पूर्व विधायक अमरपाल शर्मा को प्रत्याशी घोषित किया। बागपत से अमरपाल शर्मा को मजबूती से चुनाव लड़ाएंगे। पार्टी में कहीं घमासान नहीं मचा है, बल्कि सब एकजुट हैं।

चार बार हारे और एक बार जीते
अमरपाल शर्मा 12वीं उत्तीर्ण हैं। वे 2007 में गाजियाबाद से विधायक का निर्दलीय चुनाव लड़े लेकिन हार गए। वर्ष 2009 में बसपा के टिकट पर गाजियाबाद से भाजपा के राजनाथ सिंह के सामने लोकसभा का चुनाव लड़ा लेकिन हार गए। 2012 में बसपा से साहिबाबाद से चुनाव लड़कर विधायक बने।

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