जानें जोशीमठ की नई पहचान

चमोली: उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने राज्य के प्रसिद्ध क्षेत्र जोशीमठ का नाम बदलने का फैसला किया है। अब इस शहर को ज्योतिर्मठ के नाम से जाना जाएगा। इसे लेकर नोटिस भी सामने आया है। आपको बता दें कि कुछ समय पहले इस क्षेत्र में भयानक प्राकृतिक आपदा सामने आई थी। पूरे क्षेत्र में जमीन फटने और घरों में दरार आने की घटनाएं सामने आने लगी थी।

केंद्र ने दी मंजूरी
बीते साल राज्य के चमोली जिले में एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जोशीमठ का नाम बदलकर ज्योतिर्मठ करने का ऐलान किया था। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर के केन्द्र सरकार को भेजा गया। अब केंद्र सरकार ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

क्यों आई जोशीमठ में आपदा?
जोशीमठ धंसने के पीछे कुछ अहम फैक्टर हैं। अगस्त 2022 से उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा किए गए एक सर्वे के अनुसार, जोशीमठ के धंसने में भूगर्भीय कारक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। अत्यधिक भारी बारिश और बाढ़ ने भी जोशीमठ के धंसने में योगदान दिया है। जून 2013 और फरवरी 2021 की बाढ़ की घटनाओं से भी क्षेत्र की जमीन कमजोर हुई इसका धंसने का खतरा बढ़ गया है।

जानें जोशीमठ/ज्योतिर्मठ की खास बातें
भारत-चीन LAC से लगते चमोली ज़िले में बसा ये शहर सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इसी जगह से बद्रीनाथ, माणा, फूलों की घाटी और हेमकुंड के लिए रास्ता जाता है। इसी वजह से ये धार्मिक और आर्थिक गतिविधियों का सबसे बड़ा केन्द्र है। इसके पास ही प्रसिद्ध पर्यटक स्थल औली भी है जहां हर साल गर्मियों और सर्दियों में लाखों टूरिस्ट आते हैं। लेकिन अब ये शहर अपने अस्तित्व के लिए जूझ रहा है। 2011 की जनगणना के मुताबिक यहां की जनसंख्या करीब 4 लाख 55 हजार थी, जो बढ़कर अब दोगुनी हो गई है। अब जमीन धंसने की वजह से कई गांव ऐसे हैं जिनमें रह पाना बेहद मुश्किल हो गया है।

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