ईरान नेपरमाणु कार्यक्रम को लेकर अमेरिका के साथ सीधी बातचीत को खारिज किया

वाशिंगटन:अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को कहा कि अगर ईरान अपने परमाणु कार्यक्रम को लेकर उनके साथ समझौता नहीं करता है तो ईरान पर बमबारी की जाएगी। इसके साथ ही उन्होंने ईरान पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने की बात भी कही है। ट्रंप ने कहा, “यदि वे समझौता नहीं करते हैं, तो बमबारी होगी। लेकिन इस बात की भी संभावना है कि यदि वे समझौता नहीं करते हैं, तो मैं उन पर सेकेंडरी टैरिफ लगा दूंगा, जैसा मैंने चार साल पहले किया था।”

डोनाल्ड ट्रम्प ने राष्ट्रपति के रूप में अपने पहले कार्यकाल में ईरान के साथ परमाणु समझौते से अमेरिका को अलग कर लिया था। इस समझौते में प्रतिबंधों में राहत के बदले में तेहरान की विवादित परमाणु गतिविधियों पर सख्त प्रतिबंध लगाए गए थे। समझौता खत्म होने के बाद, ईरान ने जमकर यूरेनियम का भंडार किया है। ईरान गैर परमाणु शक्ति वाले देशों के लिए तय सीमा से काफी ज्यादा यूरेनियम इकट्ठा कर रखा है।

अमेरिका के साथ बातचीत पर ईरान ने क्या कहा?
डोनाल्ड ट्रम्प की यह टिप्पणी उस दिन आई है जब ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने कहा कि इस्लामी गणराज्य अपने परमाणु कार्यक्रम पर संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ सीधी बातचीत को अस्वीकार करता है। कैबिनेट मीटिंग के दौरान टेलीविजन पर दिए गए अपने बयान में पेजेशकियन ने कहा, “हम बातचीत से नहीं बचते। यह वादाखिलाफी है, जिसकी वजह से अब तक हमारे लिए समस्याएं पैदा हुई हैं। उन्हें यह साबित करना होगा कि वे भरोसा कायम रख सकते हैं।”

पेजेशकियन ने बातचीत के लिए रास्ता खुला रखा था, जब तक कि ईरान के 85 वर्षीय सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई ने फरवरी में ट्रम्प पर कड़ी आपत्ति नहीं जताई और चेतावनी दी कि उनके प्रशासन के साथ बातचीत “बुद्धिमानी, बुद्धिमत्ता या सम्मान के योग्य नहीं है।”

ईरान बोला- अमेरिकी ठिकाने हमारी जद में
ईरानी संसद के अध्यक्ष मोहम्मद बाघेर कलीबाफ ने शुक्रवार को कहा कि मध्य पूर्व में अमेरिकी ठिकानों पर ईरान आसानी से हमला कर सकता है। उन्होंने कहा “अमेरिकी खुद जानते हैं कि वे कितने असुरक्षित हैं। अगर वे ईरान की संप्रभुता का उल्लंघन करते हैं, तो यह बारूद के डिपो में चिंगारी की तरह होगा, जो पूरे क्षेत्र को आग में झोंक देगा। ऐसी स्थिति में, उनके ठिकाने और उनके सहयोगी सुरक्षित नहीं रहेंगे।” ईरान की यह टिप्पणी 12 मार्च को आए ट्रंप के पत्र के जवाब में आई है।

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