महाकुंभ में मौनी अमावस्या पर किन घाटों पर कम और कहां होगी ज्यादा भीड़
महाकुंभ का तीसरा शाही स्नान 29 जनवरी मौनी आमवस्या पर है. इसको लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. माना जा रहा है कि मौनी अमावस्या पर 10 करोड़ श्रद्धालु महाकुंभ आ सकते हैं.

महाकुंभ के तीसरे शाही स्नान मौनी अमास्या को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. माना जा रहा है कि मौनी अमावस्या पर 5 से 10 करोड़ श्रद्धालु स्नान करने महाकुंभ आ सकते हैं. ऐसे में भीड़ को देखते हुए गंगा-यमुना के घाटों को तैयार किया जा रहा है. ऐसे में मौनी अमावस्या पर अगर आपभी महाकुंभ जा रहे हैं तो जान लें किन घाटों पर आराम से स्नान कर सकते हैं.
संगम क्षेत्र
संगम क्षेत्र वह स्थान है जहां एक तरफ मां गंगा और दूसरी तरफ से यमुना का मिलन होता है. महाकुंभ में स्नान का सबसे प्रमुख स्नान स्थल है. महाकुंभ पहुंचे अधिकांश श्रद्धालुओं की इच्छा होती है कि वह संगम स्नान करें. पौराणिक मान्यता है कि संगम में डुबकी लगाने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. साथ ही सभी पाप धुल जाते हैं. यही गंगा-यमुना और अदृश्य सरस्वती का मिलन स्थल है. यहां नाव की सवारी के जरिए त्रिवेणी संगम का अद्भुत दृश्य देख सकते हैं.
दशाश्वमेध घाट
पौराणिक मान्यता है कि प्रयागराज के दशाश्वमेध घाट पर ही ब्रह्मा जी ने दस अश्वमेध यज्ञ किए थे. महाकुंभ के दौरान यह घाट गंगा आरती और भजन-कीर्तन के लिए बेहद लोकप्रिय है. यहां शाम को गंगा आरती देखने के लिए भारी भीड़ जुटती है.
हांडी फोड़ घाट
हांडी फोड़ घाट, प्रयागराज के सबसे पुराने घाटों में से एक है. इस घाट पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों का रंग इसे और भी खास बनाता है. अगर आप शांत लहरों को देखना और नदियों की मधुर ध्वनि को सुनना चाहते हैं तो हांडी फोड़ घाट पहुंचें. यह घाट आपके लिए बहुत सुखद रहने वाला है.
केदार घाट
महाकुंभ का केदार घाट भगवान शिव को समर्पित है. महाकुंभ में केदार घाट पर स्नान करने विशेष महत्व है. यहां स्नान के बाद भगवान शिव की पूजा की जाती है. शिव भक्तों के लिए केदार घाट बेहद खास है.
बलुआ घाट
बलुआ घाट पर ज्यादातर शहर के लोग पहुंचते हैं. साथ ही यहां साधु-संतों का भी जमावड़ा लगता है. बलुआ घाट का वातावरण ध्यान और योग के लिए प्रसिद्ध है. साधु संत ध्यान और प्रवचन के लिए इसी घाट का चयन करते हैं. खास बात यह है कि यह घाट भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों से दूर है.
अरैल घाट
अरैल घाट यमुना नदी के किनारे स्थित घाटों में से एक है. नैनी इलाके में स्थित इस घाट पर शाम के समय भारी भीड़ जुटती है. इस घाट के पास ही भगवन शिव का सोमेश्वर माहादेव मंदिर भी स्थित है, जहां शाम के समय में लोग दर्शन करने जाते हैं. कुंभ मेले के दौरान लोग इस घाट पर गंगा नदी में स्नान करने के लिए जाते हैं. घाट के किनारे बनी सीढ़ियों पर आप आराम से बैठकर ध्यान भी लगा सकते हैं.
सरस्वती घाट
सरस्वती घाट भी यमुना नदी के किनारे स्थित घाटों में से एक है. सरस्वती घाट के पास ही प्रयागराज का फेमस मनकामेश्वर मंदिर है. इस घाट के पास मुगल शासक अकबर का किला भी है. नाव से आप घाट के किनारे भ्रमण भी कर सकते हैं.