पहली बार रख रही हैं हरतालिका तीज का व्रत तो न करें ये गलती

हिंदू पंचांग के अनुसार भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के दिन हरतालिका तीज का व्रत रखा जाता है. इस दिन अगर आप भी पहली बार व्रत रखने जा रहे हैं, तो व्रत के नियमों को जान लेना बेहद जरूरी है.

पंचांग के अनुसार हर साल हरतालिका तीज का व्रत भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं और कुंवारी कन्याएं भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं और पति के सौभाग्य की प्राप्ति के लिए व्रत रखती हैं. वहीं, कुंवारी महिलाओं को इस व्रत के पुण्य फल से अच्छे जीवनसाथी की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि इस दिन व्रत रखने से संतान सुख की प्राप्ति होती है और घर में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है.

कब है हरतालिका तीज 2024

हिंदू पंचांग के अनुसार इस साल भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि 5 सितंबर 2024 को दोपहर 12 बजकर 21 मिनट पर आरंभ होगी और इसका समापन 6 सितंबर 2024 को दोपहर 3 बजकर 1 मिनट पर होगा. उदायतिथि के अनुसार हरतालिका तीज का व्रत 6 सितंबर को रखा जाएगा. बता दें कि इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त प्रातः काल में 6 बजकर 1 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 32 मिनट तक है.

हरतालिका  तीज के व्रत के नियम 

– अगर हरतालिका तीज के दौरान मासिक धर्म हो जाएं, तो महिलाएं व्रत रख सकती हैं और किसी दूसरी महिला से कथा सुन कर दूर से ही भगवान को नमन करें.

– बता दें कि जो महिलाएं पहली बार हरतालिका तीज का व्रत रखने की सोच रही हैं, ये व्रत एक बार रखने के बाद हर साल रखा जाता है. इसे बीच में छोड़ा नहीं जा सकता. इस व्रत के दौरान विधि-विधान से पूजा-पाठ की जाती है.

– हरतालिका तीज के व्रत का एक कास नियम ये भी है कि इस व्रत को करने वाली महिलाएं रात में सोएं नहीं. बल्कि इस रात जागरण किया जाता है. और भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है. अगर कोई इस रात को सो जाता है तो उसे अगले जन्म में अजगर का रूप मिलता है.

– ऐसा भी माना जाता है कि इस दिन व्रत करने वाली महिलाओं को अपने गुस्से पर काबू रखना चाहिए. इस दिन गुस्सा भूलकर भी न करें.

 

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