भारत के किस राज्य से निकलते हैं सबसे ज्यादा IAS?
भारत में सिविल सेवा परीक्षा पास कर आईएएस ऑफिसर बनने का सपना लाखों उम्मीदवार देखते हैं, लेकिन इस सपने को सच कुछ चुनिंदा उम्मीदवार ही कर पाते हैं. वहीं, भारत के एक राज्य ने देश को सबसे ज्यादा IAS देने का रिकॉर्ड कायम कर रखा है.
भारत में सिविल सेवाओं, विशेषकर भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), में चयन होने का सपना देश के लाखों युवाओं का होता है. हर साल संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में लाखों उम्मीदवार हिस्सा लेते हैं, लेकिन कुछ ही उम्मीदवार इस परीक्षा को पास कर पाते हैं. भारत के कुछ राज्य IAS अधिकारियों की अधिकतम संख्या देने के लिए जाने जाते हैं, और इन राज्यों में टॉप पर आता है उत्तर प्रदेश.
उत्तर प्रदेश:
उत्तर प्रदेश से सबसे ज्यादा IAS अधिकारी निकलते हैं. इसकी एक बड़ी वजह राज्य की विशाल आबादी और शैक्षिक संस्थानों की उपलब्धता है. लखनऊ, प्रयागराज, वाराणसी, और अन्य प्रमुख शहरों में कई प्रतिष्ठित कोचिंग इंस्टीट्यूट हैं, जो UPSC की तैयारी कराते हैं. इसके अलावा, ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में प्रशासनिक सेवाओं की ओर युवाओं का रुझान काफी अधिक है. समाज में सिविल सेवाओं को एक सम्मानजनक करियर के रूप में देखा जाता है, जो युवाओं को प्रेरित करता है.
बिहार:
उत्तर प्रदेश के बाद बिहार दूसरा ऐसा राज्य है जहां से बड़ी संख्या में IAS अधिकारी बनते हैं. बिहार के लोग भी लंबे समय से सिविल सेवाओं में जाने के प्रति जागरूक हैं. पटना और अन्य प्रमुख शहरों में UPSC की कोचिंग का एक मजबूत नेटवर्क है, जो बिहार के उम्मीदवारों को सिविल सेवा परीक्षाओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने में मदद करता है. यहां की कठिन परिस्थितियों और सीमित संसाधनों के बावजूद, बिहार के युवाओं का सिविल सेवाओं में जाने का जुनून उन्हें सफलता दिलाता है.
अन्य राज्य:
उत्तर प्रदेश और बिहार के अलावा, राजस्थान, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र से भी बड़ी संख्या में IAS अधिकारी निकलते हैं. इन राज्यों में भी UPSC की तैयारी के लिए बेहतर शैक्षिक वातावरण, कोचिंग संस्थानों का योगदान, और पारिवारिक समर्थन की मजबूत परंपरा देखी जाती है.
किस राज्य से निकलते हैं कितने प्रतिशत IAS?
– उत्तर प्रदेश: 20-25%
– बिहार: 15-18%
– राजस्थान: 5-8%
– तमिलनाडु: 5-7%
– आंध्र प्रदेश और तेलंगाना: 5-6%
– महाराष्ट्र: 4-5%
– पंजाब: 3-5%
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में सफलता केवल किसी एक राज्य विशेष की बात नहीं होती, बल्कि यह तैयारी, कड़ी मेहनत, और मानसिक दृढ़ता पर निर्भर करती है. फिर भी, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों में इस करियर का महत्व और इन राज्यों से निकलने वाले सिविल सेवकों की संख्या इन्हें प्रमुख बनाती है.