3 लाख रुपये क‍िलो के रेट से हो रही ब‍िक्री,घर की छत पर उगा कर मालामाल हो रहे किसान !

मीयाजाकी आम :कर्नाटक के उडुपी के एक गांव के रहने वाले जोसेफ लोबो नाम के एक किसान अपनी अनोखी खेती के लिए सुर्खियों में हैं. उन्होंने अपने घर की 1200 वर्ग फुट की छत पर एक फल-फूलों का बगीचा बना लिया है, जिसमें सबसे खास है जापान का मीयाजाकी आम.

एग्रीकल्चर न्यूज़ : कर्नाटक के उडुपी के एक गांव के रहने वाले जोसेफ लोबो नाम के एक किसान अपनी अनोखी खेती के लिए सुर्खियों में हैं. उन्होंने अपने घर की 1200 वर्ग फुट की छत पर एक फल-फूलों का बगीचा बना लिया है, जिसमें सबसे खास है जापान का मीयाजाकी आम. लोबो के छत के बगीचे में कई तरह के पेड़-पौधे लगे हुए हैं. इनमें से मीयाजाकी आम की खास चर्चा है. यह आम किसी आम की तरह नहीं है, बल्कि इसकी मिठास और औषधीय गुणों के कारण इसे लग्जरी फल माना जाता है. इसकी कीमत 3 लाख रुपये प्रति किलो है, यानी एक आम लगभग 10,000 रुपये का मिलता है.

लोबो ने 2023 में मीयाजाकी आम उगाने की शुरुआत की थी, लेकिन पहले साल मौसम खराब होने के कारण उन्हें सफलता नहीं मिली. हालांकि उन्होंने हार नहीं मानी और उनकी मेहनत रंग लाई. मीयाजाकी आम के अलावा, उनके छत पर कई तरह के फल भी लगे हुए हैं, जैसे सफेद जावा प्लम, ब्राजीलियन चेरी, ताइवान का खास संतरा और मशहूर शंकरपुरा चमेली.

बगीचे में ये फल भी लगे हैं

लोबो के बगीचे में साल भर आम देने वाले पेड़, सात तरह की चेरी, सफेद वायलेट, बिना बीज के नींबू और जायकेदार मिरेकल फ्रूट भी हैं. इसके साथ ही वे मधुमक्खी पालन भी करते हैं, जो उनके पौधों के स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है. लोबो कर्नाटक के पहले हाइड्रोपॉनिक किसान हैं, जो चमेली उगाने के लिए हाइड्रोपॉनिक तकनीक का इस्तेमाल करते हैं. लोबो की खेती सिर्फ बागवानी तक ही सीमित नहीं है.

साथ में डेयरी फार्मिंग भी करते हैं

लोबो डेयरी फार्मिंग और शहद उत्पादन भी करते हैं. उनके छत के बगीचे में रुद्राक्ष, कपूर, खजूर, केला और काली मिर्च जैसे पेड़-पौधे भी लगे हुए हैं. लेकिन, मीयाजाकी आम उनके बगीचे का सबसे खास फल है. अपने खास स्वाद और औषधीय गुणों के कारण इन आमों की बाजार में बहुत डिमांड है. लोबो का कहना है कि भारत में कई किसान अब इन आमों को उगाने लगे हैं, क्योंकि इनकी कीमत बहुत ज्यादा है. इनका बेहतरीन स्वाद और सेहत के फायदे इनकी ऊंची कीमत को जायज बनाते हैं.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button