आपदा के बीच हाथियों ने दिया शुभ संकेत
असम :असम में बाढ़ की स्थिति में मंगलवार को सुधार हुआ है। बाढ़ से प्रभावित लोगों की संख्या घटकर करीब 4 लाख हो गई है। पिछले 24 घंटों में धेमाजी में बाढ़ के चलते एक और मौत हो गई है। सरकार ने बताया कि बाढ़ग्रस्त जिलों की संख्या घटकर 16 रह गई है, जबकि ब्रह्मपुत्र सहित कुछ प्रमुख नदियां कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
यातायात प्रतिबंधों में दी गई ढील
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि स्थिति में सुधार के साथ राष्ट्रीय राजमार्ग के काजीरंगा खंड के माध्यम से यातायात प्रतिबंधों में ढील दी गई है, हालांकि गति सीमा अभी भी लागू है। सीएम ने कहा कि अभी ट्रकों को चलने की अनुमति दी जाएगी।
जंगल की ओर लौट रहे हाथी
सीएम सरमा ने कहा कि हाथी काजीरंगा में अपने प्राकृतिक आवास (जंगल) की ओर लौट रहे हैं, जो जल स्तर में कमी का संकेत है। बाढ़ के पानी के घटने का एक प्रमुख संकेत जानवरों का वापस आना है। थर्मल कैमरों ने जल स्तर में कमी के साथ काजीरंगा में अपने प्राकृतिक आवास की ओर लौटने वाले अधिक से अधिक हाथियों को देखा है।
असम के ये 16 जिले बाढ़ से हैं प्रभावित
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) ने बताया कि 49 राजस्व सर्किलों और 16 जिलों के 1,021 गांवों में 4,04,128 लोग अभी भी बाढ़ के पानी से पीड़ित हैं। बाढ़ से प्रभावित जिलों में नलबाड़ी, कामरूप, मोरीगांव, धुबरी, डिब्रूगढ़, कछार, गोलपाड़ा, धेमाजी, करीमगंज, नागांव, गोलाघाट, शिवसागर, कामरूप मेट्रोपॉलिटन, बिस्वनाथ, हैलाकांडी और माजुली शामिल हैं।
अब तक 113 लोगों की गई जान
सोमवार तक 17 जिलों में 5. 11 लाख लोग बाढ़ की चपेट में थे। पिछले 24 घंटों में धेमाजी से एक व्यक्ति की मौत हुई है। इस साल बाढ़, बिजली और तूफान से असम में मरने वालों की संख्या 113 हो गई है। 80,783 प्रभावित लोगों के साथ कछार सबसे अधिक प्रभावित जिला रहा है। इसके बाद धुबरी (80,544) और नागांव (76,889) का स्थान रहा है।
ये नदियां बह रहीं खतरे के निशान से ऊपर
असम में ब्रह्मपुत्र नदी, नेमाटीघाट, तेजपुर और धुबरी, नांगलमुराघाट में दिसांग और करीमगंज में कुशियारा में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। कई जिलों में सड़कें, पुल, घर और अन्य बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है।