ईडी ने छापेमारी में 8.38 करोड़ कैश बराम

ईडी की छापेमारी : प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चेन्नई में ओपीजी ग्रुप के ठिकानों पर छापा मारा है. इस दौरान ईडी ने छापेमारी में 8.38 करोड़ कैश बरामद किए हैं. ईडी ने फेमा के तहत ग्रुप के निदेशकों और दफ्तरों पर छापा मारा है. ओपीजी ग्रुप के मालिक अरविंद गुप्ता हैं, जो बिजली के उत्पादन का व्यवसाय करते हैं. कंपनी को सेशेल्स स्थित कंपनियों द्वारा 1148 करोड़ रुपये का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) प्राप्त हुआ था. जांच में पता चला है कि पैसे का दुरुपयोग किया गया था और फेमा प्रावधानों के कई उल्लंघन सामने आए हैं.

ईडी की जांच से पता चला कि एफडीआई नीति के तहत कुछ शर्तों के अधीन बिजली क्षेत्र में निवेश के लिए इस एफडीआई फंड का एक महत्वपूर्ण हिस्सा अवैध रूप से शेयर बाजार में भेजा गया था, जिसमें म्यूचुअल फंड में निवेश भी शामिल था, जो जमीन और रियल एस्टेट में निवेश किया गया है.
यह एफडीआई दिशानिर्देशों के तहत सख्त वर्जित है. इसके अलावा विक्रेता कंपनियों की सहायता से एक बड़ी रकम को नकदी में बदल दिया गया, जिससे नकली चालान जारी करने में मदद मिली. इससे समूह को कैश के रूप में पैसे निकालने में मदद मिली.

तलाशी के दौरान ईडी को कैश के लेनदेन से जुड़े हाथ से लिखे नोट भी मिले हैं. आगे की जांच से पता चला कि ओपीजी समूह के प्रबंधन ने दुबई, आइल ऑफ मैन, सेशेल्स, सिंगापुर और हांगकांग में कई कंपनियां स्थापित की थीं. जिनके माध्यम से डायवर्ट किए गए पैसे का एक महत्वपूर्ण हिस्सा कथित तौर पर विदेशों में जमा किया गया था. मनी ट्रेल का पता करने के लिए इन विदेशी संस्थाओं की जांच की जा रही है और ये भी पता लगाया जा रहा है कि क्या इन कंपनियों के जरिए मनी लॉन्ड्रिंग हुई है.

 

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