धरती को दो महीने के लिए मिलेगा मिनी-चांद !
2024 PT5 नामक एस्टेरॉयड जल्द ही पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में फंसकर इसकी परिक्रमा करने लगेगा. फिर यह 53 दिनों तक मिनी-चंद्रमा की तरह पृथ्वी के चक्कर लगाएगा.
चंद्रमा, हमारी पृथ्वी का प्राकृतिक उपग्रह है. करोड़ों साल से पृथ्वी-चंद्रमा का यह सिस्टम बना हुआ है. अब इस परिवार में एक नए सदस्य की एंट्री होने वाली है. सिर्फ 10 मीटर व्यास वाला एक एस्टेरॉयड चंद्रमा की तरह करीब दो महीने तक पृथ्वी की परिक्रमा करेगा. 2024 PT5 नामक यह एस्टेरॉयड 3,476 किलोमीटर व्यास वाले चंद्रमा से बहुत छोटा है. इतने छोटे आकार की वजह से इसे नंगी आंखों से देखना संभव नहीं हो पाएगा. एस्टेरॉयड 2024 PT5 को पिछले महीने ही खोजा गया है. इसका ‘महाभारत’ से भी कनेक्शन है.
एस्टेरॉयड 2024 PT5 का महाभारत कनेक्शन
2024 PT5 को अगस्त में NASA के Asteroid Terrestrial-impact Last Alert System (ATLAS) ने खोजा था. Research Notes of the American Astronomical Society (RNAAS) में छपी एक रिपोर्ट में, एस्ट्रोनॉमर्स ने कहा कि इस एस्टेरॉयड के कक्षीय गुण उन एस्टेरॉयड से मिलते-जुलते हैं जो अर्जुन एस्टेरॉयड बेल्ट से आते हैं.
ISRO के Network for Space Objects Tracking and Analysis (NETRA) से जुड़े डॉ एके अनिल कुमार ने एनडीटीवी से बातचीत में कहा कि 2024 PT5 53 दिनों तक ग्रह की परिक्रमा करेगा. कुमार ने इस बात को कन्फर्म किया कि 2024 PT5 वाकई में अर्जुन एस्टेरॉयड समूह का हिस्सा है.
क्या है ‘अर्जुन’ ग्रुप?
‘अर्जुन’ हमारे सौरमंडल के एस्टेरॉयड्स का एक अनूठा समूह है. ये ऐसे नियर-अर्थ ऑब्जेक्ट्स (NEOs) होते हैं जिनकी कक्षा काफी हद तक पृथ्वी के जैसी यानी कम झुकाव, लगभग एक वर्ष की परिक्रमा अवधि, तथा कम उत्केन्द्रता वाली होती है. एस्टेरॉयड्स के इन समूह का नाम हिंदू महाकाव्य महाभारत के पात्र पर आधारित है. इस नाम को अंतर्राष्ट्रीय खगोलीय संघ (IAU) से मान्यता प्राप्त है.
अर्जुन एस्टेरॉयड बेल्ट में मौजूद कुछ एस्टेरॉयड लगभग 2.8 मिलियन मील (4.5 मिलियन किमी) की नजदीकी सीमा से और लगभग 2,200 मील प्रति घंटे (3,540 किमी/घंटा) की कम गति से पृथ्वी के पास आ सकते हैं.
कैसे पृथ्वी को मिलेगा मिनी-मून?
एस्टेरॉयड 2024 PT5 जल्द ही पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण द्वारा एक सिंगुलर ऑर्बिट में पकड़ लिया जाएगा. यानी यह एस्टेरॉयड अपनी ब्रह्मांडीय यात्रा जारी रखने से पहले, पृथ्वी के चारों ओर घोड़े की नाल के आकार की कक्षा में आधा चक्कर लगाएगा. आमतौर पर एस्टेरॉयड धरती के पास से गुजर जाते हैं या फिर ग्रह के वायुमंडल में प्रवेश करते ही भस्म हो जाते हैं.
इसलिए, 2024 PT5 का पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में फंसना दुर्लभ है. जो एस्टेरॉयड पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से बच नहीं पाते, उन्हें ‘मिनी-मून’ कहा जाता है. 2024 PT5 इतना छोटा है कि पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र में आने के बावजूद, इसे केवल खास टेलीस्कोप के जरिए ही देखा जा सकेगा.