राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल और अशोक हॉल का बदला नाम……..

अब गणतंत्र मंडप और अशोक मंडप के नाम से जाना जाएगा

नई दिल्ली: राष्ट्रपति भवन के अशोक हॉल और दरबार हॉल का नाम बदल दिया गया है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने ये फैसला लिया है। राष्ट्रपति भवन के दो महत्वपूर्ण हॉल ‘दरबार हॉल’ और ‘अशोक हॉल’ का नाम बदलकर क्रमश:’गणतंत्र मंडप’ और ‘अशोक मंडप’ कर दिया गया है। राष्ट्रपति भवन की तरफ से जारी विज्ञप्ति में इस बात की जानकारी दी गई है। दरबार हॉल में कई अहम कार्यक्रम आयोजित होते थे। यहां राष्ट्रीय अवॉर्ड दिए जाते थे। प्रेस रिलीज में कहा गया है कि दरबार हॉल का इस्तेमाल कोर्ट और विधानसभाओं के लिए भारतीय शासक और ब्रिटिश करते थे।

दो साल पूरे होने पर राष्ट्रपति मुर्मू का फैसला
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने कार्यकाल के करीब दो साल बाद राष्ट्रपति भवन के दो हॉल का नाम बदला है। राष्ट्रपति भवन में 340 कमरे हैं। इनके अलावा कई विशाल हॉल हैं, इनमें दरबार हॉल भी है। इसी हॉल में सभी सरकारी आयोजन होते हैं। वहीं अशोक हॉल जिसमें औपचारिक बैठकें होती हैं। राष्ट्रपति, विदेशी राजदूतों के लेटर स्वीकार करती हैं। अब दोनों ही हॉल को क्रमशः गणतंत्र मंडप और अशोक मंडप के नाम से जाना जाएगा।

अशोक हॉल अब अशोक मंडप कहलाएगा
राष्ट्रपति भवन की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, अशोक हॉल में कई अहम आयोजन होते रहे हैं। कलात्मक रूप से तैयार ये विशाल हॉल अब तक कई अहम समारोहों का गवाह बन चुका है। इसे पहले पहले स्टेट बॉल रूम के लिए उपयोग में लाया जाता था। इस हॉल की छत और फर्श का लुक बेहद आकर्षक है। फर्श पूरी तरह लकड़ी का बना हुआ है। इसकी सतह के नीचे स्प्रिंग लगे हुए हैं। अशोक हॉल की छतें ऑयल पेंटिंग से सजाई गई हैं। अब अशोक हॉल अशोक मंडप के नाम से जाना जाएगा।

दरबार हॉल अब बना गणतंत्र मंडप
राष्ट्रपति भवन के भव्य दरबार हॉल में स्वतंत्र भारत की पहली सरकार का शपथ ग्रहण समारोह हुआ था। ये हॉल उस ऐतिहासिक पल का प्रमाण है। राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल की भव्य सादगी मंत्रमुग्ध कर देने वाली है। यह निर्विवाद रूप से राष्ट्रपति भवन का सबसे शाही कमरा है। पहले इसे सिंहासन कक्ष के नाम से जाना जाता था, यह वही जगह है जहां सी. राजगोपालाचारी ने साल 1948 में भारत के गवर्नर-जनरल के रूप में शपथ ली थी।

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