बैंकों को पहली बार तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक लाभ……

इस साल IT कंपनियों के तुलना में तिगुना मुनाफा

नई दिल्ली: बैलेंसशीट में सुधार के दम पर देश के बैंकिंग क्षेत्र ने पहली बार तीन लाख करोड़ रुपये से ज्यादा का मुनाफा कमाया है। सरकारी और निजी बैंकों का लाभ सालाना आधार पर 40.90′ फीसदी बढ़कर 2023-24 में 3.1 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया।

2022-23 में यह 2.2 लाख करोड़ रुपये रहा था। खास बात है कि बीते वित्त वर्ष में बैंकों ने आईटी कंपनियों से ज्यादा मुनाफा कमाया है। तीन लाख करोड़ रुपये का यह आंकड़ा मोटे तौर पर बीते वित्त वर्ष की शुरुआती तीन तिमाहियों के दौरान सभी सूचीबद्ध कंपनियों के मुनाफे के बराबर है। 2023-24 में सूचीबद्ध आईटी सेवा कंपनियों का शुद्ध लाभ करीब 1.1 लाख करोड़ रुपये रहा है।

आंकड़ों के मुताबिक, कुल मुनाफे में सरकारी बैंकों (पीएसबी) की हिस्सेदारी 45.80 फीसदी यानी 1.42 लाख करोड़ रही। यह 2022-23 की तुलना में 34 फीसदी अधिक है। निजी बैंकों का मुनाफा 42 फीसदी बढ़कर 1.7 लाख करोड़ पहुंच गया, जो कुल मुनाफे का 54.83 फीसदी है।

सरकारी बैंक लाभ (करोड़ रुपये) निजी बैंक लाभ (करोड़ रुपये)
एसबीआई 61,077 एचडीएफसी 64,060
बीओबी 18,676 आईसीआईसीआई 40,888
कैनरा बैंक 14,554 एक्सिस बैंक 24,861
यूनियन बैंक 13,648 कोटक महिंद्रा 13,782
पीएनबी 8,245 इंडसइंड बैंक 8,977

निजी बैंकों के साथ अंतर घटा रहे पीएसबी हाल के वर्षों में पीएसबी अपनी बैलेंसशीट में सुधार कर और कमाई बढ़ाकर निजी बैंकों के साथ लाभ के अंतर को कम कर रहे हैं। तीन वर्षों में सरकारी बैंकों का शुद्ध लाभ चार गुना से ज्यादा बढ़ा है। कई बैंकों ने पेंशन के लिए एकमुश्त प्रावधान नहीं किया होता तो पीएसबी और ज्यादा लाभ कमाते।

2018 में घाटे में थे सरकारी बैंक
आंकड़ों के मुताबिक, 2017- 18 में सरकारी बैंक 85,390 करोड़ रुपये घाटे में थे। 2023- 24 में कुल 12 सरकारी बैंकों ने रिकॉर्ड मुनाफा कमाया है। जिन बैंकों के मुनाफे में 50 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी देखने को मिली है, उनमें बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र और इंडियन ओवरसीज बैंक शामिल हैं।

पहले गरीबों के लिए बंद थे बैंकों के दरवाजे
पीएम नरेंद्र मोदी ने इस उपलब्धि और बैंकिंग की लंबी यात्रा पर कहा, बैंकिंग क्षेत्र ने 10 वर्षों में अच्छा प्रदर्शन किया है। यूपीए के समय फोन बैंकिंग के कारण बैंक घाटे और एनपीए से जूझ रहे थे। गरीबों के लिए बैंकों के दरवाजे बंद थे।

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