अमेरिका ने यूक्रेन की सैन्य मदद पर लगाई रोक

अहम समझौते पर दस्तखत करने अमेरिका पहुंचे यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की और ट्रंप के बीच तीखी बहस देखने को मिली. जिसकी वजह से समझौता भी नहीं हो पाया. अब इसी कड़ी में ट्रंप ने बड़ा फैसला लेते हुए यूक्रेन को दी जाने वाली सभी सैन्य सहायता को रोकने का आदेश दिया है

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेन को दी जाने वाली सभी सैन्य सहायता को रोकने का आदेश दिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह फैसला उस घटना के कुछ दिनों बाद आया है जब व्हाइट हाउस में यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ उनकी तीखी बहस हुई थी. इस फैसले से यूक्रेन को अमेरिका की तरफ से मिलने वाली अहम मदद पर बड़ा सवालिया निशान खड़ा हो गया है.

सैन्य सहायता पर रोक क्यों लगी?

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी रक्षा विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि ट्रंप प्रशासन ने फैसला किया है कि जब तक यूक्रेन के नेता शांति के लिए साफ नीयत नहीं दिखाते, तब तक सभी सैन्य सहायता रोकी जाएगी. इसका मतलब है कि जो भी अमेरिकी सैन्य उपकरण यूक्रेन को भेजे जाने थे, उन्हें फिलहाल रोक दिया गया है. इसमें वे हथियार भी शामिल हैं जो पहले से जहाजों या विमानों में लोड हो चुके थे या पोलैंड के ट्रांजिट क्षेत्रों में थे.

ट्रंप और जेलेंस्की के बीच क्या हुआ?

शुक्रवार को वाशिंगटन में व्हाइट हाउस में जेलेंस्की और ट्रंप की मीटिंग के दौरान विवाद हुआ. जेलेंस्की वहां एक खनिज समझौते पर हस्ताक्षर करने आए थे, लेकिन जब उन्होंने अमेरिका से भविष्य में रूस के हमले के खिलाफ सुरक्षा गारंटी मांगी, तो यह सौदा रद्द हो गया. डोनाल्ड ट्रंप और जेलेंस्की के बीच हुई तीखी बहस भी सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है.

जेलेंस्की पर भड़के राष्ट्रपति-उपराष्ट्रपति

बैठक के बाद अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने ज़लेंस्की को ‘अकृतज्ञ’ (Ungrateful) कहा, जबकि दूसरी तरफ ट्रंप ने उन पर ‘तीसरे विश्व युद्ध के लिए आग भड़काने का आरोप लगाया. ट्रंप पहले ही कह चुके हैं कि वे रूस और यूक्रेन के बीच जंग को खत्म करना चाहते हैं, लेकिन उनके कुछ बयानों की वजह से उन पर क्रेमलिन (रूस) के विचारों को आगे बढ़ाने का आरोप भी लगाया जा रहा है.

जनवरी में जारी थी यूक्रेन की मदद

जनवरी में अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने 90 दिनों के लिए विदेशी सहायता को रोकने का फैसला लिया था, लेकिन इसमें इज़राइल और मिस्र को मिलने वाली सहायता जारी रही. उस समय यूक्रेन को दी जाने वाली सैन्य सहायता भी जारी रही थी.

आगे क्या होगा?

ट्रंप के इस फैसले के बाद यूरोपीय नेता यूक्रेन और रूस के बीच शांति समझौते के लिए कोशिश तेज कर रहे हैं. वे एक नई शांति योजना पर काम कर रहे हैं, जिसे अमेरिका के सामने पेश किया जाएगा. अब देखना होगा कि ट्रंप इस पर क्या रुख अपनाते हैं और यूक्रेन को अमेरिकी मदद दोबारा मिलती है या नहीं.

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