एलोवेरा एंटी-फंगल और जीवाणुरोधी

स्किन में खुजली : अगर कभी कभार स्किन में हल्की से खुजली होती है तो ठीक है लेकिन ऐसी समस्या आए दिन आती है तो आपको सावधान हो जाना चाहिए। इचिंग स्किन को मेडिकल भाषा में प्रूरिट्स कहा जाता है। ऐसी स्थिति में हम स्किन में हो रही खुजली को शांत करने के लिए त्वचा को नोचने तक पर मजबूर हो जाते हैं। चलिए जानते हैं किन कारणों से खुजली होती है और उसे कंट्रोल करने एक लिए क्या करना चाहिए?

स्किन में खुजली की शिकायत के कई कारण हैं। आमतौर पर स्किन मे इचिंग एलर्जी, स्किन रैशज और डर्माटिटीस (चर्म रोग) की वजह से होती है। इचिंग पूरे बदन में या किसी खास एक अंग में भी हो सकती है। अगर खुजली लगातार हो रही है तो यह लिवर और किडनी की बीमारी भी हो सकती है।

एलोपैथी के अनुसार खुजली, कई-कई दिन तक स्नान नहीं करने, त्वचा पर धूल-मिट्टी जमने से त्वचा में खुजली की शिकायत आम है। शरीर के दूसरे रोगों के कारण, स्किन ड्राई हो जाने या रक्त दूषित होने पर खुजली होती है। ब्लड इंफेक्शन होने पर फोड़े-फुंसियां निकलती हैं जिससे खुजली होती है। पेट में कीड़े होने से भी खुजली होती है।

नारियल का तेल त्वचा संबंधी समस्याओं के लिए अच्छा माना जाता है। यह न सिर्फ खुजली वाली त्वचा से राहत प्रदान करता है बल्कि त्वचा को चिकना और नरम भी बना देता है। इसलिए प्रभावित क्षेत्र पर नारियल का तेल लगाने से आराम मिलता है।

टी ट्री ऑयल कई प्रकार की त्वचा समस्याओं से राहत प्रदान करता है। संक्रमित क्षेत्र पर रूईं की सहायता से दिन में तीन से चार बार टी ट्री ऑयल लगाना बेहतर होता है। यह फंगल इन्फेक्शन का आयुर्वेदिक तरीके से इलाज करता है।

एलोवेरा एंटी-फंगल और जीवाणुरोधी होते है। प्रभावित त्वचा पर सीधे ऐलोवेरा जेल को लगाएं और रात भर के लिए छोड़ दें। यह दाद चकत्ते आदि को ठीक (khujli ke upay) करता है तथा यह त्वचा की स्वस्थ करने के लिए कईं पोषक तत्व

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