ट्रैक सिस्टम में अतिरिक्त निवेश जरूरी
एस्ट्रॉइड :मानव विज्ञान ने भले ही कितनी तरक्की कर ली हो, लेकिन कई एस्ट्रॉइड अलर्ट सिस्टम को चकमा देते हुए धरती से टकरा रहे हैं। खास बात यह है कि पिछले एक साल में ऐसी घटनाओं में तेजी आई है। ताजा मामला 22 अक्टूबर है, जब एक एस्ट्राइड अलर्ट सिस्टम की पकड़ में आया और तीन घंटे बाद ही धरती से टकरा गया। हालांकि, यह एस्ट्रॉइड कैलिफोर्निया के पास प्रशांत महासागर के ऊपर धरती से टकराया और इससे किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ।
इस एस्ट्रॉइड को 2024 UQ नाम दिया गया। इसे पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने से केवल दो घंटे पहले खोजा गया था। इसका व्यास केवल 3 फीट (1 मीटर) था। इसलिए यह बड़ा खतरा नहीं था। क्षुद्रग्रह स्थलीय-प्रभाव अंतिम चेतावनी प्रणाली (ATLAS) ने 22 अक्टूबर को इसकी की खोज की थी। एटलस पृथ्वी के पास की वस्तुओं की निगरानी के लिए हुवाई शहर में स्थित एक चार-दूरबीन सर्वे है। पता लगने के कुछ ही घंटों के भीतर, 2024 UQ कैलिफोर्निया के पास प्रशांत महासागर के ऊपर वायुमंडल में जलकर खत्म हो गया।
यूरोपियन स्पेस एजेंसी का बयान
यूरोपियन स्पेस एजेंसी की तरफ से कहा गया “एटलस सर्वेक्षण को ऐसी तस्वीरें मिली थीं, जिनमें एक ऐसी वस्तु दिख रही थी, जिसके धरती से टकराने की संभावना काफी ज्यादा थी। इस वस्तु की स्थिति दो करीबी फील्ड्स के किनारे पर थी। इस वजह से इसकी पहचान काफी देरी से हुई। पकड़े जाने के कुछ घंटे बाद ही यह वायुमंडल में आ गया और जलने लगा। जब तक खगोलमिति प्रभाव निगरानी प्रणालियों ने इसके पृथ्वी से टकराने की संभावना व्यक्त की, तब तक यह प्रथ्वी से टकरा चुका था।”
एक साल में तीसरी ऐसी घटना
ईएसए के अनुसार इस साल यह तीसरा मौका था, जब खगोलीय एंजेंसी समय रहते धरती से टकराने वाली किसी चीज का पता नहीं लगा पाई। अब तक ऐसा सिर्फ 10 बार हुआ है, लेकिन एक साल के अंतराल में यह तीसरी ऐसी घटना है।
ट्रैक सिस्टम में अतिरिक्त निवेश जरूरी
यह करीबी कॉल आधुनिक ट्रैक सिस्टम की ताकत और कमजोरियों दोनों को उजागर करने का काम करता है और प्रारंभिक पहचान तकनीक में निरंतर निवेश के लिए एक तर्क देता है। इस परिस्थिति में हानिरहित होने के बावजूद, यह स्थिति अंतरिक्ष निगरानी के संबंध में पृथ्वी के निरंतर सुधार प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करती है। संभावित रूप से खतरनाक अंतरिक्ष चट्टानों के बिना पता लगाए पृथ्वी से टकराने की संभावना डरानी है और इसे कम करने के लिए ज्यादा निवेश किए जाने की जरूरत है।