भारतीय समेत 4 विदेशी छात्रों ने ट्रंप प्रशासन पर मुकदमा
इमिग्रेशन स्टेटस रद्द करने को दी चुनौती

वाशिगटन: अमेरिका में पढ़ रहे एक भारतीय और तीन अन्य विदेशी छात्रों ने ट्रंप प्रशासन के खिलाफ अदालत में मुकदमा दर्ज कराया है। इन छात्रों का कहना है कि बिना किसी जानकारी या वजह के उनका स्टूडेंट वीजा और इमिग्रेशन स्टेटस खत्म कर दिया गया, जिससे उन्हें देश छोड़ने को कहा गया।
भारतीय छात्र चिन्मय देवरे, चीन के जियांगयुन बु और क्यूई यांग, और नेपाल के योगेश जोशी अमेरिका के वेन स्टेट यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे हैं। इन सभी ने अमेरिका के होमलैंड सिक्योरिटी और इमिग्रेशन अधिकारियों के खिलाफ केस किया है।
छात्रों ने कहा कि वे न तो किसी प्रदर्शन में शामिल थे, न ही उन्होंने कोई कानून तोड़ा है, लेकिन फिर भी बिना जानकारी दिए उन्हें गैरकानूनी घोषित कर दिया गया। अब वे कोर्ट से गुहार लगा रहे हैं कि उनका लीगल स्टेटस फिर से बहाल किया जाए। यह मामला ऐसे वक्त में सामने आया है जब ट्रंप प्रशासन लगातार विदेशी छात्रों के वीजा रद्द कर रहा है। छोटी-मोटी गलती या कानून के मामूली उल्लंघन पर भी छात्रों को टारगेट किया जा रहा है।
मिशिगन की अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन (ACLU) ने इन छात्रों की तरफ से कोर्ट में केस दाखिल किया है। ACLU ने कहा कि ट्रंप सरकार का मकसद डर फैलाना है और वह विदेशी छात्रों को निशाना बना रही है, जो अमेरिका की शिक्षा और अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान देते हैं। कुछ दिन पहले एक और भारतीय छात्र कृष लाल इस्सरदासानी को भी डिपोर्ट करने का आदेश दिया गया था, लेकिन कोर्ट ने फिलहाल उस पर रोक लगा दी है।