27 महिलाएं बन गईं यूनुस के लिए सिरदर्द?
मॉडल और एक्टिविस्ट मेघना की हालिया गिरफ्तारी !

ढाका (बांग्लादेश) : बांग्लादेश की 27 महिला अधिकार कार्यकर्ताओं ने देश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मुहम्मद यूनुस को पत्र लिखा है. इस पत्र में मॉडल और सोशल मीडिया एक्टिविस्ट मेघना आलम की हालिया गिरफ्तारी को लेकर यूनुस से कुछ सख्त सवाल किए हैं.
साथ ही इन 27 महिला कार्यकर्ताओं ने मेघना आलम की तत्काल रिहाई की मांग भी की है. यह पत्र रविवार को ईमेल के माध्यम से भेजा गया, जिसमें मेघना की गिरफ्तारी को उनके मौलिक अधिकारों का हनन बताया गया है.
बिना वारंट की गिरफ्तारी पर उठाए सवाल
महिला कार्यकर्ताओं ने पत्र में इस बात पर गहरी आपत्ति जताई कि मेघना आलम को बिना वारंट के गिरफ्तार किया गया, जो कानूनी और नैतिक दोनों ही नजरिए से गलत है. उन्होंने पत्र में सवाल किया है आखिर किस आधार पर उन्हें राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा माना गया. क्या इस कार्रवाई के लिए सभी जरूरी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन किया गया? और आखिर इतने संवेदनशील समय में 30 अधिकारियों को एक महिला को गिरफ्तार करने के लिए क्यों तैनात किया गया?
फेसबुक लाइव के दौरान हुई थी मेघना की गिरफ्तारी
पत्र में बताया गया है कि 9 अप्रैल को मेघना आलम को उनके घर से गिरफ्तार किया गया. गिरफ्तारी के वक्त वह फेसबुक पर लाइव थीं. उस दौरान कुछ महिला अधिकार कार्यकर्ता भी घटनास्थल पर पहुंची थीं. लगभग 24 घंटे बाद उन्हें अदालत में पेश किया गया, जिसके बाद विशेष अधिकार अधिनियम, 1974 के तहत काशीपुर जेल भेज दिया गया.
मेघना आलम पर आखिर किस तरह के आरोप लगे हैं?
मेघना पर राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने, राजनयिक संबंधों को नुकसान पहुंचाने और आर्थिक नुकसान की साजिश रचने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं. कार्यकर्ताओं ने इन आरोपों को लेकर पारदर्शी जांच की मांग करते हुए दोषियों को सज़ा देने की भी अपील की हैय
पत्र पर किन-किन हस्तियों ने किए हस्ताक्षर
इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में वकील इशरत जहां और तबस्सुम मेहेनाज, जहांगिरनगर विश्वविद्यालय की प्रोफेसर मिर्ज़ा तस्लीमा सुल्ताना, ढाका विश्वविद्यालय की शिक्षिका मोशाहीदा सुल्ताना, मानवशास्त्री और फिल्मकार नसरीन सिराज, गायिका फरज़ाना वहीद सयान, फोटोग्राफर पद्मिनी चकमा और लेखिका-शोधकर्ता परसा संजना शामिल हैं.