आतंकियों का होगा THE END, पाक को सबक सिखाने की तैयारी!
जम्मू के रियासी में श्रद्धालुओं पर अटैक और कठुआ- डोडा में हमलों करना पाकिस्तान को भारी पड़ने जा रहा है. पीएम मोदी ने आज गृह मंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के साथा हाई लेवल मीटिंग की. माना जा रहा है कि मोदी सरकार आतंक के खिलाफ कोई बड़ा एक्शन करने की तैयारी में

पीएम मोदी की जम्मू एंड कश्मीर मुद्दे पर मीटिंग : जम्मू में रियासी और उसके बाद कठुआ- डोडा में हुए आतंकी हमलों के बाद से मोदी सरकार एक्शन में हैं. पीएम मोदी ने आज अधिकारियों के साथ दिल्ली में हाई लेवल मीटिंग की. इस मीटिंग में गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा समेत विभिन्न सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुख शामिल हुए. पीएम ने जम्मू- कश्मीर के सुरक्षा हालात का बारीकी से रिव्यू कर सुरक्षा एजेंसियों को उसे जड़ से समूल खत्म करने का निर्देश दिया.
‘आतंकवाद खत्म करने के लए सभी क्षमताओं का करें इस्तेमाल’
बैठक के दौरान NSA अजित डोभाल और एलजी मनोज सिन्हा ने पीएम मोदी को जम्मू कश्मीर के मौजूदा हालात से अवगत करवाया. साथ ही रियासी अटैक के बाद आतंकियों की खोज के लिए चल रहे अभियान की भी जानकारी दी. पीएम मोदी ने आतंकवाद से निपटने में सभी सुरक्षा एजेंसियों की हौंसला अफजाई की. साथ ही आतंक से समूल जड़ से खत्म करने के लिए सभी तरह की क्षमताओं को इस्तेमाल करने का निर्देश दिया
गृह मंत्री अमित शाह से एंटी टेरर- ऑपरेशंस पर चर्चा
सूत्रों के मुताबिक पीएम मोदी ने गृह मंत्री अमित शाह से प्रदेश में सुरक्षा बलों की मौजूदा तैनाती और वहां चल रहे एंटी- टेरर ऑपरेशंस पर भी चर्चा की. उन्होंने प्रदेश के एलजी मनोज सिन्हा से भी बात कर आतंक के खिलाफ अभियान में किसी तरह की ढिलाई न होने देने का निर्देश दिया. एलजी ने उन्हें हालात से निपटने के लिए स्थानीय प्रशासन की ओर से उठाए जा रहे कदमों के बारे में अवगत करवाया.
जम्मू में क्यों वारदात कर रहे आतंकी?
बताते चलें कि कश्मीर घाटी में सुरक्षाबलों के बढ़ते दबाव और अनुच्छेद 370 हटने के बाद वहां के लोगों के माइंडसेट में आ रहे बदलाव की वजह से आतंकियों को अब वहां वारदात करने में दिक्कतें हो रही हैं. ऐसे में अब वे कश्मीर के बजाय जम्मू के इलाकों में ज्यादा वारदात कर रहे हैं. असल में कश्मीर के मैदानी इलाकों की तुलना में जम्मू रीजन ऊंचे पहाड़ों और जंगलों से घिरा हुआ है. दूसरी बात, यह इलाका पीओके से बहुत ज्यादा नजदीक है. ऐसे में बॉर्डर के जम्मू के इलाकों में हमले करना और फिर वारदात के बाद पहाड़ों- जंगलों में छिप जाना आसान है.